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बरेली में हंगामे के बाद स्कूल ने पगड़ी पहनने पर रोक के फरमान को लिया वापस

बरेली , 21 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के बरेली में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित एक स्कूल के प्रबंधन ने कथित तौर पर सिख छात्र-छात्राओं को पगड़ी, कृपाण या कड़ा धारण कर नहीं आने का फरमान सुनाया जिसके खिलाफ अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन ने प्रधानाचार्य को तलब किया जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने गलतफहमी की दुहाई देते हुये माफी मांगी औैर मामला रफा दफा हो गया।
दरअसल, बुधवार को सेंट फ्रांसिस स्कूल ने सिख छात्र-छात्राओं को फरमान सुना दिया कि पगड़ी, कृपाण या कड़ा धारण कर स्कूल नहीं आएं। साथ ही चेतावनी दी कि यदि नियम नहीं माना तो स्कूल में पढ़ा पाना संभव नहीं होगा। शाम को यह बात अभिभावकों के बीच पहुंची तो आक्रोश पनपने लगा। बुधवार देर रात गुरुद्वारा कमेटियों ने इंटरनेट मीडिया पर विरोध संदेश जारी कर गुरुवार सुबह विरोध करने की घोषणा कर दी। इसके तहत ही सिख समुदाय ने गुरुवार सुबह हंगामा किया।किया। जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया और प्रधानाचार्य को तलब किया।
शहर में डेलापीर के पास स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल में 12 वीं तक पढ़ाई होती है। अभिभावक नेता विशाल महरोत्रा ने बताया कि बुधवार को स्कूल की एक शिक्षक ने प्रार्थना सभा के समय कहा कि सभी बच्चे एक जैसी ड्रेस में दिखने चाहिए। जो लोग पगड़ी, कृपाण या कड़ा पहनकर आते हैं, वे भी कल से ऐसा करना बंद कर दें। शिक्षक के सामने कोई छात्र विरोध नहीं कर सका मगर, शाम को स्वजन को इस संबंध में जानकारी दी।
सिख समाज धर्मगुरु ज्ञानी काला सिंह ने बताया कि रात तक कई अभिभावकों से इस संबंध में संदेश मिले। सभी ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध बताते हुए विरोध जताया। विरोध के कारण स्कूल में बच्चों को परेशान किया जा सकता है, इसलिए अभिभावक खुलकर सामने नहीं आ रहे। सिखों की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने वाली प्रिंसिपल सिस्टर लिसमिन को हटाया जाए। स्कूल प्रिसिंपल सिस्टर लिसमिन ने इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया। सिख समुदाय ने गुरुवार स्कूल सुबह पहुंच कर हंगामा किया।
जानकारी मिलने पर नगर मजिस्ट्रेट राजीव पांडे ने इस मामले में स्कूल प्राध्यापक कलेक्ट्रेट बुला लिया। जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि दोनों पक्ष बुलाए गए और उन्हें सुना गया। बातचीत में स्कूल प्रबंधन ने कहा कि कुछ गलतफहमी हो गई है, इसके लिए हम माफी मांगते हैं और खेद प्रकट करते हैं। डीएम ने बताया कि दोनों पक्ष सहमत हो गए हैं।
सं प्रदीप
वार्ता
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