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प्रदूषण से सहारनपुर की बेहद शोचनीय हालत, कारगर नहीं हो रहे हैं उपाय

सहारनपुर, 02 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में प्रदूषण नियंत्रण दिवस के मौके पर शुक्रवार को यहां प्रमुख पर्यावरणविदों ने जिले की स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। प्रदूषण से हालत बेहद शोचनीय हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग और अन्य संबंधित विभागों द्वारा उठाए जा रहे कदम कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं।
जिला अस्पताल के नेत्र सर्जन डा. रामानंद ने कहा कि वायु प्रदूषण के साथ टूटी सड़कों से उड़ने वाली धूल और खस्ता हाल वाहनों से निकलने वाले धुएं से आम लोगों की आंखों में जलन और संक्रमण हो रहा है।
जेवी जैन कालेज के भूगोल विभाग की अध्यक्ष एवं पर्यावरणविद् डाॅ. ज्योति सिंह ने कहा कि पेड़ों का अंधाधुंध कटान होने से वायु प्रदूषण बढ़ने का सबसे बड़ा कारक है और तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण वायु मंडल में आक्सीजन की मात्रा की कमी हो रही है और कार्बन डाईआक्साइड की मात्रा बढ़ रही है।
जिला प्रदूषण बोडऱ् के वैज्ञानिक नागेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण दिवस के मौके पर लोगों को प्रदूषण के खतरों से अवगत कराया जा रहा है। यदि आम लोग इस मुद्दे को लेकर जागरूक होते हैं तो स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है। उन्होंने जिले में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए औद्योगिक इकाइयों में मल्टी साईक्लोन मशीन स्थापित कराए जाने पर जोर दिया। इन मशीनों से धुंआ सामान्य स्थिति में आ जाता है।
परिवहन विभाग के एआरटीओ आरपी मिश्रा ने बताया कि विभाग ने जिले में अभी तक 4100 अनफिट वाहनों को सील किया है। सहारनपुर जिले में प्रदूषण फैलने के कारणों में यह बात सामने आई है कि ईंट-भट्टों पर रोक होने के बावजूद रबड़ जलाई जा रही है। फैक्टरियों में लगी चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुंआ वायु को प्रदूषित कर रहा है। सहारनपुर के कई उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित पानी भूजल को भी प्रदूषित कर रहा हैं और जिले की हिंडन समेत दूसरी नदियों को भी प्रदूषित कर रहा है।
सहारनपुर जींस और बनियान के कपड़ों की रंगाई वाली फैक्टरियां का रसायनिक पानी को सीधे नालों में बहा रहा है। इसके खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कार्रवाई की गई है और उनको नोटिस दिया जा चुका है। सहारनपुर नगर निगम भी प्रदूषण फैलाने का काम कर रहा है। सफाई कर्मचारी कचरे के ढेरों में आग लगा देते हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।
क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डाॅ. डीसी पांडे ने कहा कि प्रदूषण एक बड़ी समस्या बना हुआ है। उनके विभाग द्वारा प्रदूषण रोकने के उपाय कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने उद्योग और फैक्टरियों के मालिकों एवं प्रबंधकों से अपील की कि वे अपनी इकाइयों में प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले उपकरण हर हालत में लगाएं।
सं. उप्रेती
वार्ता
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