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सहारनपुर में प्राकृतिक खेती का रूझान बढ़ा, कृषि विभाग कर रहे हैं किसानों को प्रोत्साहित

सहारनपुर, 03 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर कृषि प्रधान जिले में किसानों के प्राकृतिक खेती के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए कृषि विभाग उन्हें प्रोत्साहित करने, प्रशिक्षित करने और प्राकृतिक एवं जैविक खेती करने की विधि एवं अन्य सहायता प्रदान करने के लिए सामने आए हैं।
उप निदेशक कृषि डाॅ. राकेश कुमार ने शनिवार को बताया कि विभाग प्राकृतिक एवं जैविक खेती करने वाले किसानों को 20 प्रशिक्षित किसान प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ते दुष्प्रभाव को लेकर किसानों में जागरूकता दिखाई दे रही है और उनका रूझान जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ा है।
डाॅ. कुमार ने बताया कि कृषि विभाग किसानों को गौ-आधारित खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और ऐसी खेती को लाभकारी बनाया जाएगा। इससे लोगों का स्वास्थ्य एवं पर्यावरण दोनों में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि गाय के गोबर, मूत्र से तैयार बीजार्मत, जीवार्मत और घन जीवार्मत के उपयोग से खेती की लागत कम होगी। उत्पादन और फसलों की स्वाद और गुणवत्ता बढ़ेगी और साथ ही खेतो की मिट्टी की उर्वकता भी बढ़ेगी।
प्राकृतिक एवं जैविक खेती कर रहे काशीपुर गांव के किसान रामवीर चौहान ने बताया कि बासमती, गेहूं, चावल, उड़द और सरसों की खेती जैविक और प्राकृतिक तरीके से कर रहे हैं। इससे कृषि उत्पादों और गुणवत्ता और स्वाद दोनों प्रचुर मात्रा में रहते हैं।
गांव नुनियारी के किसान सुरेंद्र कुमार ने बताया कि बाजार में प्राकृतिक खेती से तैयार अनाज, फल और सब्जियों की बाजार में आज बहुत मांग है और अच्छे भाव मिलते हैं। यह खेती लाभकारी साबित हो रही है।
कृषि उप निदेशक ने बताया कि जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए परमाल सिंह, धीर सिंह, ओम प्रकाश, सतपाल सिंह, बिजेंद्र सिंह, सुरेंद्र कुमार, गांव दनकौरा के इजहार, गांव काशीपुर के रामवीर चौहान, गांव हीराहेड़ी के संजय कुमार, गांगनौली के शक्ति सिंह, गांव सरसीना के सत्येंद्र त्यागी, खेड़ा मुगल के गुरजीत सिंह, गांव बिलासपुर के महिपाल आर्य, गांव आमकी दीपचंदपुर अशोक कुमार प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को जागरूक करने का काम करेंगे। करीब 20 किसानों को इस काम के लिए चयनित किया गया है।
सं. उप्रेती
वार्ता
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