राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 2 2019 7:17PM कमांड आफिसर मिलिट्री पुलिस मुख्यालय बरेली को नोटिस
प्रयागराज, 02 अक्टूबर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 जुलाई 2018 से लापता सिपाही के पिता की मुख्य न्यायाधीश से की गयी गुहार को गम्भीरता से लिया है।
गांधी-शास्त्री जयंती की छुट्टी होने के बावजूद लापता सिपाही का पता लगाने की दृष्टि से न्यायालय बैठी और लापता सिपाही के पिता के पत्र को बन्दीप्रत्यक्षी याचिका मानते हुए कमांड आफिसर मिलिट्री पुलिस कैंट बरेली से लापता सिपाही के बारे में जानकारी तलब की है।
मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खण्डपीठ ने दामोवल होशियार पुर पंजाब के निवासी उपदेश सिंह के पत्र पर कायम बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया ।
लापता सिपाही के पिता ने पत्र में लिखा है कि 28 पंजाब रेजिमेंट पिथौरागढ़ में तैनात सिपाही रजत सिंह को अवैध तरीके से रिटायर्ड कर्नल ए.के. दुबे के बरेली आवास पर भेज दिया गया था। उसके बाद 28 जुलाई 2018 से उसकी
कोई जानकारी नहीं है। वह लापता है। पिता की फरियाद नहीं सुनी गई। लापता होने के एक साल बाद 30 जुलाई को बरेली के कैंट थाने में एफआईआर दर्ज तो हुई लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। लापता की तलाश नहीं की गयी।
सैनिक के पिता ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अपने बेटे का पता लगाने की गुहार लगायी थी।
राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता सैयद अली मुर्तजा ने न्यायालय को बताया कि मिलिट्री पुलिस के कमांड आफिसर को लिखा गया कि लांस नायक बलवंत सिंह को पुलिस स्टेशन पूछताछ के लिए भेजा लेकिन सहयोग नहीं किया गया। इस पर न्यायालय ने कमांड आफिसर मिलिट्री पुलिस कैंट बरेली को नोटिस जारी कर मुख्यालय से लापता सिपाही के बारे में 14 अक्टूबर को जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।
सं दिनेश त्यागी
वार्ता