हैदराबाद ,26 दिसंबर (वार्ता) देश और विदेश में लोगाें ने वर्ष 2019 का अंतिम वलयाकार सूर्य ग्रहण गुरुवार को देखा।
दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में हालांकि वलयाकार सूर्य ग्रहण स्पष्ट तौर पर दिखाई दिया तथा शेष भारत में आंशिक रूप से दिखाई दिया।
प्लेनेटरी सोसाइटी के निदेशक और संस्थापक सचिव एम. श्री रघुनंदन कुमार ने यूनीवार्ता को यहां बताया कि सूर्य ग्रहण
उस समय होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच इस तरह से गुजरता है जिसमें सूर्य पूर्ण या आंशिक रूप से अस्पष्ट दिखाई देने लगता है।
श्री कुमार ने कहा जब सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आते हैं तो पूर्ण ग्रहण होता है, लेकिन इसमें चंद्रमा का वास्तविक आकार सूर्य की अपेक्षा छोटा होता है।
उन्हाेंने कहा कि दुनिया भर में यह ग्रहण उत्तर और पूर्वी रूस, उत्तर और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और सोलोमन द्वीप को छोड़कर मध्य पूर्व, उत्तर पूर्वी अफ्रीका, एशिया में दिखाई दिया है।
प्लेनेटरी सोसाइटी इंडिया ने तेलंगाना में कलाभारती एनटीआर स्टेडियम के पास इंदिरा पार्क में यहां सुबह आठ बजकर आठ मिनट से 11 बजकर 10 मिनट तक हैदराबाद बुक फेयर के साथ “ऑबजरवेसन ऑफ एन्नुलर सोलर एक्लिप्स’ आयोजित किया।
इस अवसर पर उस्मानिया विश्वविद्यालय के भूभौतिकी विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. जी रामदास (सेवानिवृत्त), अंतरिक्ष चिकित्सा केन्द्र के निदेशक हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयभाष्कर और श्री कुमार उपस्थित रहे तथा बड़ी संख्या में उपस्थित बच्चों और आम लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए अपनी बातें साझा की।
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए स्थल पर लोगाें को विशेष चश्मे उपलब्ध कराये गए थे।
उप्रेती जितेन्द्र
जारी वार्ता