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प्लास्टिक मुक्त नगर निगम को मिलेगा एक करोड़ : त्रिवेंद्र

प्लास्टिक मुक्त नगर निगम को मिलेगा एक करोड़ : त्रिवेंद्र

देहरादून 04 सितंबर (वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि प्लास्टिक मुक्त होने वाले राज्य के पहले नगर निगम को एक करोड़ रुपये इनाम के तौर पर दिये जाएंगे।

श्री त्रिवेंद्र ने राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के साथ बुधवार को यहां स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 विषय पर नगर निकायों तथा छावनी परिषदों की एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखण्ड में प्लास्टिक फ्री होने वाला जो पहला नगर निगम होगा, उसे एक करोड़ रुपये का ईनाम दिया जायेगा। इसी तरह प्लास्टिक फ्री होने वाली पहली नगर पालिका को 75 लाख रूपये एवं नगर पंचायत को 50 लाख रूपये का ईनाम दिया जायेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत में प्रथम 100 में आने वाले राज्य के निकाय को एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले नगर निकायों की पुरस्कार राशि में तीन गुना वृद्धि की जायेगी। अब इन नगर निकायों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख अौर 10 लाख के स्थान पर 60 लाख, 45 लाख तथा 30 लाख रूपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दिया जायेगा। जबकि प्रथम तीन स्थान पर आने वाले नगर पंचायतों को मिलने वाली धनराशि क्रमशः 10 लाख, आठ लाख और पांच लाख से बढ़ाकर 30 लाख, 24 तथा 15 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे।

श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर स्वच्छता रैंकिंग के तहत अच्छा कार्य करने वाले प्रथम तीन नगर निकायों को सम्मानित किया और उन्हें पुरस्कार राशि प्रदान की। प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले नगर निगमों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख एवं 10 लाख की धनराशि प्रदान की गई। इसके अलावा ये तीनों नगर निगम स्वच्छता और अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः एक करोड़, 75 लाख एवं 50 लाख तक की लागत का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं। इस रैंकिंग में नगर निगम रूड़की ने प्रथम, काशीपुर ने द्वितीय तथा हल्द्वानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नगर पालिका परिषद मुनी की रेती, गौचर एवं गोपेश्वर को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर पालिका परिषदों को 15 लाख, 10 लाख व 07 लाख की धनराशि प्रदान की गई। ये नगर पालिका परिषद स्वच्छता व अवस्थापना से संबंधित कार्यों के लिए क्रमशः 75 लाख, 50 लाख व 30 लाख रुपये तक का प्रस्ताव शासन को भेज सकते हैं। नगर पंचायतों में अगस्त्यमुनी ने प्रथम, गजा ने द्वितीय व शक्तिगढ़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन नगर पंचायतों को क्रमशः 10 लाख, आठ लाख और पांच लाख की पुरस्कार राशि दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लगभग 71 प्रतिशत हरित क्षेत्र है। देश को शुद्ध वायु और जल प्रदान करने में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए जहां उत्तराखण्ड का विशिष्ट स्थान है, वहीं इसको संजोये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग जरूरी है। जन आन्दोलन से ही हम किसी अभियान को सिद्धि तक पहुंचा सकते हैं। स्वच्छता अभियान के लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि नगर निकायों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं से स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों को मजबूत बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि शहर स्वच्छ हों तो, आधी समस्याएं इससे ही समाप्त हो जायेंगी।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डी.के जिंदल ने कहा कि स्वच्छता के प्रति देशभर में व्यापक स्तर पर जन आन्दोलन चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ का जो प्रण लिया है, इसके तहत देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए 14 सितंबर से दो अक्टूबर तमक व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। घरों में गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करना जरूरी है।

सं.संजय

वार्ता

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