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रायगढ़ में भाजपा का दबदबा तोड़ने मुकाबला बना संघर्षपूर्ण

रायगढ़ में भाजपा का दबदबा तोड़ने मुकाबला बना संघर्षपूर्ण

पत्थलगांव, 04 अप्रैल (वार्ता) छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति आरक्षित रायगढ़ लोकसभा सीट पर सर्वाधिक चार बार भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय मंत्री विष्णु देव साय की जीत के बाद भी इस बार पार्टी ने जशपुर जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गोमती साय पर दांव लगाया है।

विधानसभा चुनाव में जशपुर जिले की तीनों सीटों पर भाजपा की करारी पराजय से क्षुब्ध पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दिलीप सिंह जूदेव के परिवार के दर्जन भर सदस्यों ने इस बार रायगढ़ संसदीय सीट की जीत को अपनी प्रतिष्ठा बना लिया है, यही वजह है कि इस परिवार के सदस्य गांव-गांव घूम कर केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचा रहे हैं।

इधर कांग्रेस ने रायगढ़ सीट पर भाजपा का दबदबा तोड़ने की खातिर धरमजयगढ़ विधानसभा से दूसरी बार निर्वाचित मौजूदा विधायक लालजीत सिंह राठिया को चुनाव मैदान में उतार कर मुकाबला को संघर्षपूर्ण बना दिया है। श्री राठिया के पिता चनेशराम राठिया अविभाजित मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के ये वयोवृद्ध नेता भी इन दिनों अपने पुत्र का प्रचार कर रहे हैं।

करीब 38 वर्षों के अंतराल के बाद कांग्रेस ने जशपुर जिले की तीनों विधानसभा सीटें भाजपा से छीनने के बाद लोकसभा चुनाव की जीत का भी दावा किया है। हालांकि ईसाई मिशनरी समर्थक इस बार पूर्व आईएएस अधिकारी सर्जियुस मिंज को कांग्रेस उम्मीदवार नहीं बनाने से खासे नाराज हैं। यहां ईसाई मिशन समर्थकों की संख्या करीब चार लाख से अधिक है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ईसाई मिशनरियों की नाराजगी दूर करने में जुट गई है।



छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण से पहले 1952 से 1999 तक रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र मध्यप्रदेश के अंतर्गत आता था। इस सीट से केन्द्रीय राज्य मंत्री व मौजूदा सांसद विष्णु देव साय की लगातार चार बार की जीत के बाद भी

बीजेपी ने नये चेहरे के रूप में जशपुर में छोटा सा गांव तपकरा की श्रीमती गोमती साय को मौका दिया है।

रायगढ़ संसदीय सीट का रायगढ़ शहर अपने कोयले के विपुल भंडारों और बिजली उत्पादन के लिए देश में मशहूर है। ये देश का बड़ा लोहा-स्टील उत्पादक भी है। वहीं जशपुर जिला खूबसूरत पर्यटन स्थल, ईब नदी के रेत मे मिलने वाले स्वर्ण कण, पत्थलगांव क्षेत्र के सौ से अधिक गांवों में टमाटर के अत्यधिक उत्पादन के लिए भी पहचाना जाता है।

रेल और अच्छी सडकों की सुविधा विहीन इस अंचल में किसानों को अपनी उपज की बिक्री के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस अंंचल में शिक्षा का प्रतिशत बेहतर है, लेकिन गरीबी के काारण मानव तस्करी की बड़ी समस्या है।

रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के लिए लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है। नतीजे 23 मई को आएंगे।

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