राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Aug 11 2022 7:42PM अनूठे अंदाज में मना रक्षाबंधन: पेड़ों को राखी बांध कर लिया उनकी रक्षा का संकल्प
महोबा, 11 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश के महोबा में पर्यावरण प्रेमियों ने गुरुवार को रक्षाबंधन का त्योहार अनूठे अंदाज में मनाते हुए पेड़ों को राखी बांध कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया।
सावन की पूर्णिमा के मौके पर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग तड़के रिमझिम फुहारों के बीच एकत्र हुए और यहां गोरखगिरी धाम की परंपरागत परिक्रमा भजन कीर्तन के साथ श्रद्धा और उल्लास के माहौल में पूर्ण की। बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे एवं वृद्ध भी इसमें सम्मलित रहे। इस दौरान करीब पांच किलोमीटर के परिक्रमा मार्ग में स्थित वृक्षों को राखी बांध कर लोगों ने उनके संरक्षण का संकल्प लिया।
सामाजिक संगठन बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि पेड़ पर्यावरण के रखवाले है। इनका मानव से सृष्टि की रचना के समय से ही सम्बन्ध है। मत्स्य पुराण में एक पेड़ दस पुत्र समान की सूक्ति देकर इनके महत्व को इंगित किया गया है। यही वजह रही है कि बुंदेली समाज ने पेड़ो के संरक्षण कार्यक्रम में रक्षाबंधन को शामिल करके इस त्योहार को मनाया।
राष्ट्रीय स्तर के संगीत साधक सिद्ध गोपाल सेन ने बताया कि महोबा स्थित गोरखगिरी धाम की प्रमुख धार्मिक क्षेत्र के रूप में मान्यता स्थापित हुई है। यहां प्रत्येक पूर्णमासी को परिक्रमा के लिए भारी संख्या में भक्तों की भीड़ जुटती है। भक्तों ने परिक्रमा मार्ग के पेड़ो को राखियां बांध कर यहां हरीतिमा बढाने व पर्यावरण के संरक्षण का जो संकल्प लिया है वह काबिले तारीफ है।
उल्लेखनीय है कि महोबा का गोरखगिरी धाम, सन्त गुरु गोरखनाथ की तपस्थली के रूप में विख्यात है। त्रेता युग में भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल का काफी समय यहां गुजारा था। यहां मौजूद सिद्ध बाबा का गुफानुमा मंदिर एवं सीता रसोई समेत विभिन्न स्थल इसका प्रमाण हैं।
गोरखगिरी धाम के पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के चलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पर्यटन विकास हेतु एक खास कार्ययोजना के माध्यम से सुंदरीकरण एवं विकास के अनेक कार्य शुरू कराये हैं। गोरखगिरी में करीब ढाई हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए रास्ते को सुगम बनाने के साथ रोप वे निर्माण कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
सं निर्मल
वार्ता