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कोसी क्षेत्र का 86 साल पुराना सपना हुआ साकार, मोदी ने कोसी महासेतु समेत 12 रेल परियोजनाएं बिहार को सौंपी

कोसी क्षेत्र का 86 साल पुराना सपना हुआ साकार, मोदी ने कोसी महासेतु समेत 12 रेल परियोजनाएं बिहार को सौंपी

पटना 18 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक कोसी महासेतु सहित यात्री सुविधा से जुड़ी 12 रेल परियोजनाएं बिहार को समर्पित करने से कोसी क्षेत्र के लोगों का 86 वर्ष पुराना सपना आज साकार हो गया।

श्री मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऐतिहासिक कोसी महासेतु सहित यात्री सुविधा से जुड़ी 12 रेल परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में कोसी महासेतु, किउल नदी पर नया रेल पुल, दो नई रेल लाइन परियोजना, पांच विद्युतीकरण परियोजना, एक इलेक्ट्रिक लोको शेड एवं एक तीसरी रेल लाइन परियोजना शामिल हैं।

ब्रिटिश काल में वर्ष 1887 में दौरान सुपौल जिले के निर्मली और भपटियाही के बीच कोसी की सहायक तिलयुगा नदी पर लगभग 250 फुट लंबा मीटर गेज रेल पुल का निर्माण किया गया था लेकिन वर्ष 1934 में आई भीषण बाढ और विनाशकारी भूकंप में यह मीटर गेज रेल पुल ध्वस्त हो गया। इसके बाद वर्ष 2003-04 में कोसी महासेतु नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई।

कोसी रेल महासेतु की कुल लंबाई 1.9 किलोमीटर है, जिसके निर्माण पर कुल 516 करोड़ रुपये की लागत आई है। भारत-नेपाल सीमा के लिए सामरिक दृष्किोण से भी यह रेल महासेतु काफी महत्वपूर्ण है। इस परियोजना को कोविड महामारी के दौरान ही अंतिम रूप दिया गया, जिसमें प्रवासी श्रमिकों की भी सेवा ली गई। इस तरह बिहार विशेषकर कोसी क्षेत्र के लोगों का 86 वर्ष पुराना सपना आज साकार हो गया।

सूरज शिवा

जारी (वार्ता)

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