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उप्र में रिकवरी बढ़कर हो गयी है 92.17 फीसदी: प्रसाद

उप्र में रिकवरी बढ़कर हो गयी है  92.17 फीसदी: प्रसाद

लखनऊ, 21 अक्टूबर(वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी का अब बढ़कर 92.17 फीसदी हो गयी है।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को यहां बताया कि राज्य में अब तक कुल 4,25,356 व्यक्ति उपचारित होकर डिस्चार्ज किये गये हैं और रिकवरी अब बढ़कर 92.17 फीसदी हो गयी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 29,364 कोरोना के एक्टिव मामले हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंगलवार को एक दिन में कुल 1,47,012 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 1,34,45,758 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 2464 नये मामले मिले है जबकि 3332 मरीज उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए है।

श्री प्रसाद ने बताया कि एक्टिव केसों में 57 प्रतिशत की कमी आयी है। होम आइसोलेशन में 13,499 लोग हैं। अब तक कुल 2,58,285 लोग होम आइसोलेशन की सुविधा प्राप्त करते हुए 2,44,751 लोगों ने अपने होम आइसोलेशन की अवधि पूर्ण कर ली है। उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में 2514 लोग ईलाज करा रहे है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,44,752 क्षेत्रों में 4,28,226 टीम दिवस के माध्यम से 2,75,22,371 घरों के 13,55,84,040 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय उपचार के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया गया है। ई-संजीवनी के माध्यम से 3026 लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया। अब तक कुल 1,54,072 लोगों ने ई-संजीवनी पोर्टल पर चिकित्सकीय परामर्श लिया।

श्री प्रसाद ने बताया कि कोरोना पाॅजिटिव पाये गये लोगों में 0-20 आयु वर्ग के 13.78 प्रतिशत, 21-40 आयु वर्ग के 47.57 प्रतिशत, 41-60 आयु वर्ग के 29.05 प्रतिशत और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 9.60 प्रतिशत है। कोरोना पाॅजिटिव संक्रमित मे कुल पुरूष 67.09 प्रतिशत तथा कुल महिलाओ का 32.01 प्रतिशत है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से आयुष्मान भारत योजना के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मुलाकात कर केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के एन0एफ0एस0ए0 के डेटा के आधार पर विस्तार किये जाने के बारे में बताया। आयुष्मान योजना के तहत परिवारों का चयन 2011 के सोशियों इकोनामिक सर्वें के अनुसार किया गया है। जिसके आधार पर प्रदेश में 1.18 करोड़ परिवार योग्य पाये गये थे। सर्वे के आधार पर पाया गया कि इनमें से लगभग 30 लाख परिवार उपलब्ध नहीं है। उनको फिर से खोजा गया, जिनमें से तीन लाख परिवार मिले। इन आकड़ों के आधार पर लगभग 90 लाख परिवारों को योजना का लाभ दिया जा रहा है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव दिया कि इस डेटा को सोसियो इकोनामिक डेटा के बजाय नेशनल फूड सेक्युरिटी एक्ट में डेटा के अनुसार योजना का लाभ दिये जाने पर केन्द्र सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। केन्द्र सरकार जैसे ही एन0एफ0एस0ए0 में डेटा पर इस योजना को लेकर आती है। प्रदेश सरकार सहर्ष स्वीकार करेगी और इस पर जो अतिरिक्त व्यय भार आयेगा उसको भी वहन करने पर प्रदेश सरकार सहर्ष तैयार हैं।

उन्होंने बताया कि आज तक प्रदेश में एन0एफ0एस0ए0 के तहत 3.58 करोड़ राशन कार्ड बने है। यदि यह योजना एन0एफ0एस0ए0 के डेटा के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा लायी जायेगी तो वर्तमान में इस योजना से जितने परिवार लाभान्वित हो रहे है, उसकी तुलना में चार गुना अधिक परिवारों को इसका लाभ मिल सकेगा। ऐसा होने से प्रदेश में 3.58 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर से आच्छादित किया जाना सम्भव होगा। प्रदेश के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा कवच को व्यापक बनाने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होगी।

भंडारी

वार्ता

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