लखनऊ 26 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य सम्बन्धी चुनौतियों से निपटने के लिए नये शोध की आवश्यकता है।
श्री योगी ने कहा कि कोविड-19 के कारण सम्पूर्ण विश्व के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के दृष्टिगत तकनीकी और मेडिकल संस्थानों के लिए यह अवसर है कि वे ऐसी डिवाइसेज़ विकसित करें, जो रोगों की पहचान और उपचार में मददगार साबित हों।
उन्होने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में कोरोना, एई, डेंगी, स्वाइन फ्लू इत्यादि के वैक्सीन विकसित करने के लिए गहन शोध की आवश्यकता है। उन्होंने किसी भी मरीज की बिना सम्पर्क के जांच करने से सम्बन्धित मल्टिपिल डिवाइसेज़ विकसित करना आज की जरूरत है। आक्सीमीटर, थर्मामीटर इत्यादि जैसे विभिन्न उपकरणों को शामिल करते हुए एक मल्टी मोडल डिवाइस की आवश्यकता भविष्य में महसूस की जाएगी। इसलिये चिकित्सा क्षेत्र के शोधकर्ताओं को विभिन्न डिवाइसेज़ को जोड़कर एक संयुक्त डिवाइस विकसित करने पर कार्य करना चाहिए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड आटोमेटिक कोविड-19 डायग्नोस्टिक टूल की लांचिंग के मौके पर कहा कि डिवाइस कोरोना से लड़ने में सहायक साबित हो सकती है। यह एक अच्छा प्रयास है। इसमें लोगों को अलर्ट देने की भी व्यवस्था की जाए।
उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को विभिन्न अस्पतालों में मरीजों के चेस्ट के डिजिटल एक्स-रे इस टूल में उपयोग के लिये शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने इस टूल के सम्बन्ध में विस्तृृत प्रस्तुतीकरण देखा। आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस पर आधारित यह टूल डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, गवर्नमेण्ट मेडिकल काॅलेज, कोटा राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंसेज़, सैफई, इटावा के संयुक्त प्रयासों से विकसित किया गया है।
प्रदीप
वार्ता