Saturday, Apr 27 2024 | Time 06:35 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


संतों ने लिया मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर का संकल्प

संतों ने लिया मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर का संकल्प

राष्ट्रीय अयोध्या-संकल्प

अयोध्या, 09 अगस्त (वार्ता) मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर रामलला का भव्य मंदिर का संकल्प पूरा होने के बाद संत धर्माचार्यों ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर मंदिर निर्माण का संकल्प लिया है।

अयोध्या के संत-धर्माचार्यों ने श्रीराम वैदेही खडेश्वरी मंदिर नयाघाट पर एक बैठक कर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए दोनों मुट्ठी बांधकर संकल्प लिया है कि जब तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि से शाही ईदगाह मस्जिद हटाकर भव्य मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता है तब तक हम संत धर्माचार्य व हिन्दू जनमानस चैन से नहीं बैठेंगे और श्रीकृष्ण जन्मभूमि की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि संगठन की देन है कि आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि की कानूनी लड़ाई उच्च स्तर पर पहुंची है। इसके लिए देश के पच्चीस से ज्यादा हिन्दूवादी संगठनों ने हमें समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास ने देश के पच्चीस प्रदेशों में संत-महंत व महामंडलेश्वर को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही यूपी में सत्तर जिला कमेटी भी घोषित की है।

देवमुरारी बापू ने कहा कि गांव-गांव व शहर-शहर जाकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि की लड़ाई व राम मंदिर आंदोलन की तरह जन आंदोलन बनायेंगे जिससे राम मंदिर की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर फैसला आये। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि के काम को भी पूरा करेंगे।

इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास के संरक्षक तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरू परमहंसाचार्य ने कहा कि अयोध्या, मथुरा, विश्वनाथ तीनों लेंगे एक साथ। अयोध्या ले लिया गया है और अब मथुरा, काशी बाकी है। उन्होंने कहा कि इसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो जिससे श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर जल्द से जल्द फैसला आ सके। इस बार की जन्माष्टमी ऐतिहासिक होगी। ऐसा संकल्प हम लोग ले रहे हैं।

खंडेश्वरी मंदिर के महंत व संरक्षक रामप्रकाश दास महाराज ने कहा कि राम मंदिर की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भी फैसला हो जिससे भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बन सके।

इस बैठक में युगल विनोद कुंज के महंत रामेश्वर शरण, आचार्य वरुण दास, पुजारी रामकिशोर दास समेत अन्य संत महंत उपस्थित थे।

सं प्रदीप

वार्ता

image