राज्यPosted at: Jan 8 2020 8:27PM अनुसूचित जाति/ जनजाति आरक्षण 10 वर्ष बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पारित
मुंबई, 08 जनवरी (वार्ता) महाराष्ट्र विधानसभा के बुधवार को अनुसूचित जाति/ जनजाति को अगले 10 वर्ष के आरक्षण की सुविधा को संवैधानिक विस्तार देने के लिए आयोजित विशेष सत्र में दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित 126 वें संविधान संशोधन की पुष्टि की गयी और इस संबंध में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने स्वयं संज्ञान लेते हुए इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया जिसका उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल और विपक्षी नेता देवेन्द्र फडनवीस ने समर्थन किया।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोनों सदन को संयुक्त रूप से संबोधित किया।
संविधान के 126वें संशोधन विधेयक पिछले वर्ष नौ दिसंबर, 2019 को कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था। विधेयक में अनुसूचित जाति / जनजाति के लिए आरक्षण से संबंधित प्रावधानों में संशोधन किया गया । संविधान में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के
आरक्षण का प्रावधान है। आरक्षण की सुविधा पिछले 70 वर्षों से जारी है। यह कानून 25 जनवरी 2020 को समाप्त हो रही है।
इस बीच विधानसभा ने सर्वसम्मति से देश भर में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी का पता लगाने के लिए एक जाति आधारित जनगणना का आग्रह करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।
त्रिपाठी. टंडन
वार्ता