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शिवप्रताप के सपा में आने से बदलेगा मिजाज

शिवप्रताप के सपा में आने से बदलेगा मिजाज

इटावा , 20 फरवरी (वार्ता) समाजवादी गढ़ कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पंचायत चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत के सपा में शामिल होने से लोधी वोट बैंक को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है।

लखनऊ में सपा कार्यालय में शनिवार को इटावा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत ने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार पंचायत चुनाव के ऐलान से पहले ही शिवप्रताप के सपा का दामन थामने से जिले में लोधी वोट बैंक पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है।

शिव प्रताप इटावा के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले बढ़पुरा ब्लाक के प्रमुख रह चुके है। दूसरे वह औरैया जिले के दिबियापुर से भाजपा से चुनाव भी लड़ चुके है। उनकी पत्नी और भाई अवनीश राजपूत पहले ही सपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके है । अवनीश सपा के जिला उपाध्यक्ष है। शिवप्रताप राजपूत की लोधी वोट बैंक में अच्छी पकड़ मानी जाती है। सपा नेताओं का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में शिवप्रताप राजपूत के सहारे सपा की नैया पार लग सकती है।

इटावा जिले में लोधी वोट बैंक को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है । हर दल लोधी वोट बैंक का हथियाने की फिराक मे इसलिए बना रहता है क्यो कि लोधी वोट बैंक निर्णायक भूमिका अदा करता है। दिवंगत सपा नेता महेंद्र सिंह राजपूत के बूते समाजवादी पार्टी ने लोधी वोट बैंक को अपने पक्ष में कर लिया था। जिले की सदर विधानसभा से महेंद्र सिंह राजपूत से पहले कोई भी पिछड़ी जाति का उम्मीदवार चुनाव की वैतरणी पार नहीं कर सका। हालांकि उनकी जीत के बाद एक के बाद के करके तीन चुनावो में महेंद्र सिंह राजपूत का ही डंका बजता रहा । साल 2012 में उनकी 47 साल की उम्र में राजपूत के असमायिक निधन के बाद इस सीट से लोधी जाति का प्रतिनिधित्व नही मिल सका है।

वैसे इटावा में लोधी जाति की सहानुभूति कल्याण सिंह की वजह से भाजपा में रही है । चाहे कल्याण सिंह रहे हो, चाहे उमा भारती रही हो या फिर कल्याण के बेटे राजवीर सिंह राजू उनकी सभाएं लोधी बाहुल्य इलाको में सभाएं जरूर लगाई जाती रही है ताकि इस जाति का वोट भाजपा को मिलता रहा।

सं प्रदीप

वार्ता

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