राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Dec 30 2019 3:25PM उप्र विधानमंडल का विशेष सत्र मंगलवार को
लखनऊ 30 दिसंबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश विधानमंडल को एक दिवसीय सत्र 31 दिसंबर को यहां आयोजित किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने साेमवार को यहां बताया कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को दस साल के लिए बढ़ाने के लिए संविधान में 126 वें संशोधन विधेयक के समर्थन के लिए सत्र बुलाया गया है।
इस विधेयक को लोकसभा में दस दिसंबर को और राज्यसभा में 13 दिसंबर को पारित किया गया था। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में पिछले 70 वर्षों से दिए गए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए आरक्षण की व्यवस्था 25 जनवरी, 2020 को समाप्त होने वाली है। इसकेे अलावा एंग्लो-इंडियन सदस्य के रूप में नामांकन के लिये आरक्षण भी 25 जनवरी को समाप्त होने वाला है।
संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने के साथ ही इस विधेयक को लागू करने के लियेे 50 प्रतिशत विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता होती है।
आधिकारिक सूत्रों कहा कि विशेष सत्र संक्षिप्त होगा। अधिनियम पर इस तरह की कोई विस्तृत चर्चा नहीं होगी क्योंकि संसद पहले ही इसे पारित कर चुकी है। उत्तर प्रदेश विधानमंडल इस विधेयक में कोई संशोधन नहीं कर सकती है। 31 दिसंबर को दिन भर का सत्र दोनों सदनों में एक घंटे तक चलने की संभावना है। वर्ष 2019 का यह पांचवा सत्र होगा। विपक्ष एंग्लो इंडिया के मनोनीत सदस्य तथा कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा करता है तो सत्र कुछ मिनटों का भी हो सकता है। इस बीच, अखिल भारतीय एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन ने एक पत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे राज्य विधानसभा में सदस्य के नामांकन के प्रावधान को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण की तरह ही दस वर्षों तक जारी रखें।
भंडारी विनोेद
वार्ता