श्रीनगर, 13 मई (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में तीन साल की बालिका के साथ बलात्कार के विरोध में अलगाववादी संगठन द्वारा आहूत हड़ताल के कारण सोमवार को कश्मीर घाटी में जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
कश्मीर घाटी के कई हिस्सों से बलात्कार के विरोध में प्रदर्शन और झड़पें होने की रिपोर्ट है। सभी राजनीतिक दलों, धार्मिक संगठनों और सिविल सोसायटी के अलावा, नागरिकों ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
संभागीय आयुक्त (कश्मीर) बेसर अहमद खान ने लोगों से शांति भाईचारा और कानून-व्यवस्था बनाये रखने की अपील करते हुए आश्वासन दिया कि सुंबल बलात्कार की घटना की जांच त्वरित आधार पर की जा रही है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि घाटी के किसी भी हिस्से में कोई प्रतिबंध नहीं है। कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
अधिकतर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, सार्वजनिक परिवहन और अन्य वाहन श्रीनगर शहर की सड़कों पर खड़े देखे गये। हरि सिंह हाई स्ट्रीट, बटमालू, डलगेट, रीगल चौक, मौलाना आजाद रोड, रेजीडेंसी रोड और महराज बाजार सहित शहर के मुख्य व्यापारिक केंद्रों में गतिविधियां बंद रही।
अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलेट प्रूफ जैकेट पहने और हाथों में हथियार और लाठियां लिए हुए श्रीनगर शहर के कुछ इलाकों में सड़कों पर गश्त लगाते देखे गए। लोगों ने नाबालिग के साथ बलात्कार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।
इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने हड़ताल का आह्वान किया था, यह एक धार्मिक संगठन है जो उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का घटक है श्रीनगर शहर में इसका आंशिक प्रभाव है। यहां कुछ दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले हुये थे।
बारामूला से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि हड़ताल के समर्थन में उत्तरी कश्मीर के कस्बों और तहसील मुख्यालयों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। यहां की अधिकांश दुकानें बंद रही और सड़कों से वाहन नदारद रहे। किसी भी कानून एवं व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए पूरे उत्तरी कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। बांदीपोरा में सुंबल और आसपास के अन्य इलाकों में पूरी तरह से बंद देखा गया।
उत्तरी कश्मीर बडगाम जिले में भी जीवन अस्त-व्यस्त रहा। दक्षिण कश्मीर के गंदेरबल में हड़ताल का आंशिक असर रहा यहां अधिकांश दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
राम.श्रवण
वार्ता