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टीएमसी नेता अभिषेक बांकुड़ा से ‘जोनो संजोग यात्रा’ फिर से शुरू करेंगे

टीएमसी नेता अभिषेक बांकुड़ा से ‘जोनो संजोग यात्रा’ फिर से शुरू करेंगे

कोलकाता, 22 मई (वार्ता) पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी आज बांकुरा से अपनी दो महीने लंबी ‘जोनो संजोग यात्रा’ (व्यापक आउटरीच कार्यक्रम) की शुरुआत फिर से करेंगे।

श्री बनर्जी को राज्य सरकार से संबद्ध स्कूलों में कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें समन जारी किया था जिसके कारण उन्हें शनिवार को जांच अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कूचबिहार से काकद्वीप की यात्रा बीच में ही रोकनी पड़ी थी।

निजाम पैलेस में सीबीआई ने उनसे साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की जिसके बाद श्री बनर्जी ने कहा कि “पूछताछ का नतीजा 'बड़ा शून्य' रहा और यह उनके तथा एजेंसी दोनों के लिए समय की बर्बादी है। भारतीय जनता पार्टी टीएमसी की नाबोजोवर की सफलता से इतनी डरी हुई है कि उसने पार्टी के अभियान को बाधित करने के लिए सीबीआई को हथियार बनाया हुआ है।”

पार्टी ने कहा कि “उन्होंने अभिषेक बनर्जी को परेशान करने के लिए यह साजिश रची है लेकिन अगर उन्हें लगता है कि इससे हम रूक जाएंगे ये उनकी भूल है। हमारे लिए नियम अलग क्यों हैं? गृह मंत्री अमित शाह ने खुद स्वीकार किया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान सीबीआई ने उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र का नाम लेने और फंसाने के लिए दबाव डाला था। फिर उस गवाही के आधार पर उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया।”

श्री बनर्जी ने कहा कि “अब वोटबंदी का समय है और अब नोटबंदी नहीं चलेगी। वर्ष 2024 में हम वोटबंदी देखेंगे। स्विस बैंकों में भारतीयों का धन 2021 में बढ़कर 14 वर्षों के उच्चतम स्तर 32 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया। क्या प्रधानमंत्री अब हमें नोटबंदी के पीछे की बात समझा सकते हैं? सीबीआई ने मुझसे पूर्व मेदिनीपुर और मुर्शिदाबाद के एजेंटों के बारे में पूछताछ की जबकि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी इन जिलों के प्रभारी थे फिर उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया?”

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा हमें निशाना बना रही है, जबकि बंगाल में भाजपा के नेता सुरक्षित हैं। भाजपा अपना दोहरा-चेहरा छुपाने की कितनी भी कोशिश करे लेकिन सच्चाई सामने पर वह औंधे मुंह गिरेगी। श्री शाह इस बात से बेखबर हैं कि श्री अधिकारी रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुए थे, लेकिन उनसे दोस्ती हो गई है इसलिए किसी ने उनसे सवाल नहीं किया?

सीबीआई को लिखे एक पत्र में श्री बनर्जी ने कहा, “शुरू में ही मैं यह देखकर हैरान हुआ कि यह नोटिस मुझे 19 मई को दोपहर में दिया गया जिसमें मुझे 20 मई को सुबह 11 बजे कोलकाता में आपके कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया था, जिसके लिए मुझे एक दिन से भी कम समय मिला।”

उल्लेखनीय है कि श्री बनर्जी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 18 मई वाले आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी, जिसमें न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के उस आदेश के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को उनसे पूछताछ करने की अनुमति प्रदान की गई थी। इस मामले की सुनवाई आज उच्चतम न्यायालय में होगी।

अभय, उप्रेती

वार्ता

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