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दुनिया


श्री शरीफ ने ट्वीट किया,“ भारतीय सैन्य प्रमुख के गैर जिम्मेदाराना बयान से पड़ोसी देश का असली चेहरा अंतरराष्ट्रीय मंच पर सामने आया है। पाकिस्तान का दोस्ताना हाथ बढ़ाये जाने को इसकी कमजोरी नहीं समझनी चाहिए। हम देश के साथ बाहरी खतरे के खिलाफ एकजुट हैं।”
पूर्व विदेश मंत्री एवं सियालकोट से पीएमएल-एन के विधायक ख्वाजा मोहम्मद अासिक ने कहा,“भारत के साथ रिश्ते सुधारने की दिशा में कदम बेहद जल्दबाजी में उठाया गया। मैं पड़ोसी देश के साथ संबंध सामान्य करने के खिलाफ नहीं हूं लेकिन हमें अपनी गरिमा को बनाये रखना आवश्यक है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा भारत को लिखे गये पत्र में आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए तैयार रहने की बात कहे जाने पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा,“ श्री खान पत्र में आतंकवाद के बारे में बातचीत करने की बात लिखते हैं। आप आतंकवाद की बात करते हैं ,जबकि अमेरिकी विदेश सचिव माइक पोम्पियो ने नयी दिल्ली और इस्लामाबाद की यात्रा के बाद हाल में एक संयुक्त बयान जारी किया है जो पाकिस्तान के खिलाफ है। ”
पीपीपी के उपाध्यक्ष एवं अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत शेरी रहमान ने कहा कि पड़ोसी देश को वार्ता की पेशकश करने से पहले सरकार को अच्छी तरह से तैयारी कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा,“ सरकार ने अपना ‘होमवर्क’ नहीं किया था।”
आशा वार्ता
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