वाराणसी, 09 अप्रैल (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर शुक्रवार को यहां अलाधिकारियों संग समीक्षा बैठ कर तैयारियों का जायजा लिया तथा संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए गत वर्ष की तरह स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने से लेकर जागरूकता पर जोर देने के निर्देश दिये।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) केंद्रीय कक्ष सभागार में कोविड-19 से बचाव एवं चिकित्सा व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोरोना के दूसरे चरण में तीव्रता को देखते हुए मानसिक रूप से तैयार हो जाएं। स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से बढ़ाते हुए गत अप्रैल एवं मई की तमाम व्यवस्थाएं एवं सुविधाएं बहाल करें। अस्पतालों में सामान्य ओपीडी में सीमित संख्या में मरीज बुलाएं क्योंकि एक भी संक्रमित ओपीडी में पहुंचा तो ज्यादा परेशानी बढ़ सकती है। इसके विकल्प तौर पर टेली कंसल्टेंसी सुविधा शुरू की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर अस्पताल में निश्चित समय पर बैठें, फोन से जरूरतमंदों को मर्ज के बारे में दवा बताएं। घर बैठे लोगों को चिकित्सकीय सुविधा ‘टेली कंसलटेंसी’ माध्यम से उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि बीते साल जो निजी अस्पताल कोविड चिकित्सा के लिए बदले थे, उन्हें पुनः सक्रिय किया जाए। ऐसे अस्पतालों के आरटी पीसीआर टेस्ट, एंटीजन टेस्ट एवं कोविड चिकित्सा के लिए शुल्क तय करें दें ताकि मरीज के साथ किसी प्रकार की मनमानी न हो पाए।
श्री योगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोविड जांच करने वाली पैथोलॉजी द्वारा यदि फर्जी तैयार की गई तो संबंधित संस्थान को सील कर कानूनी कार्यवाई होगी तथा उन्हें ‘ब्लैक लिस्ट’ भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थितियों में मानवता को दिखाने का अवसर है। यदि कोई मनमानी करता है, मरीजों का दोहन करता है तो उस पर विरूद्ध निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय कोरोना तीव्रता से बढ़ रहा है। इसमें स्वयं स्वास्थ्य कर्मी, कोरोना वैरीयर्स, पुलिस एवं जिला प्रशासन के लोग अपने को भी बचाएं। कांट्रैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाएं और सभी की जांच की जाये। व्यवस्था होने पर व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहे अन्यथा अस्पताल में भर्ती हो जाये। एल-3 एवं एल-2 के पर्याप्त 1000 से अधिक बेड हैं। इन्हें और बढ़ाया जाए। वाराणसी में पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित बिहार के लोग भी इलाज को आते हैं। मानवता के नाते किसी को मना नहीं किया जाये।
उन्होंने कहा कि महामारी के मामले में महाराष्ट्र एवं पंजाब की स्थिति अच्छी नहीं है। लोग वापस घरों को लौटने लगे हैं। स्पेशल ट्रेन चलेगी। रेलवे एवं बस स्टेशनों पर एंटीजन टेस्ट की सुविधा बहाल की जाए। ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों में निगरानी समितियां बनायी जाये। उन्हें थर्मामीटर, सैनिटाइजर, ऑक्सीमीटर आदि उपलब्ध करायी जाये। बाहर से आने वाले व्यक्तियों पर निगाह रखी जाये और उनके स्वास्थ्य की जांच की जाये।
मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव के प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए इसके लिए शहर में पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम बढ़ाने पर जोर दिया। पुलिस गाड़ियों में पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के साथ जन जागरूकता अभियान चलाने को कहा। कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने वालों पर चालान की कार्रवाई करें। मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव दौरान गांव में कहीं जमावड़ा नहीं होने दिया जाये। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भीड़-भाड़ नहीं हो। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुचिश्चित की जाये।
मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक के बाद कोरोना महामारी के दौरान वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा संचालित काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यहां उपलब्ध सभी सेवाओं का निरीक्षण किया तथा एवं समुचित संचालन के लिए इस पर पैनी नजर रखे का निर्देश अधिकारियों को किया।
बैठक में श्री योगी के मंत्रिमंडल में नगर विकास एवं जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन, के अलावा मंत्री अनिल राजभर, डॉ नीलकंठ तिवारी, विधायक डॉ अवधेश सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, एडीजी बृजभूषण, आईजी एस के भगत, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश सहित बीएचयू एवं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे।
बीरेंद्र प्रदीप
वार्ता