राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 9 2020 11:31PM आखिरकार कानून के शिकंजे में फंस ही गया विकास
लखनऊ, 09 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद सात दिनों तक उत्तर प्रदेश की पुलिस की नींद हराम करने वाला पांच लाख का ईनामी हिस्ट्रीशीटर आखिरकार गुरूवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में धर दबोचा गया।
पुलिस की हर चाल में उससे दो कदम बढ़कर पासे फेंक रहे विकास की चाल को समझने में प्रदेश का समूचा खुफिया तंत्र और पुलिस एक हफ्ते तक माथापच्ची करते रहे लेकिन गुरूवार की सुबह पुलिस के लिये संतोष का पैगाम लेकर आयी जब दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर के गैंग के दो सदस्य मुठभेड़ में मारे गये जबकि कुछ ही देर बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन से आठ पुलिस वालों के हत्यारे के गिरफ्तार हो जाने की सूचना मिल गयी।
अपने साथियों की हत्या के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से राहत महसूस कर रहे अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा “ उज्जैन में गिरफ्तार विकास दुबे को ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश लाया जायेगा और उस पर न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जायेगी। हम शांत बैठने वाले नहीं है। पुलिसकर्मियों के एक एक हत्यारे को पुलिस ढूढ निकालेगी और उन्हे अपने किये का अंजाम भुगतना होगा। यूपी पुलिस के हाथ सफलता का श्रेय नहीं मिलने के सवाल पर कुमार ने कहा कि पूरे देश की पुलिस एक है। हम मध्यप्रदेश पुलिस से अलग नहीं है। इसको सफलता या असफलता से नहीं देखना चाहिये।
गौरतलब है कि बिकरू कांड मे शामिल विकास के पांच साथियों को पुलिस अब तक पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर चुकी है जबकि दस को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उज्जैन में महाकाल क्षेत्र में गिरफ्तार करने पुलिस की टीम चार्टर प्लेन से गयी थी लेकिन सुरक्षा कारणों से दुर्दांत अपराधी को सड़क मार्ग से लाया जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार होने के बाद शातिर दिमाग अपराधी ने खुलासा किया है कि उसने दो जुलाई की रात मुठभेड़ में मारे जाने के भय से पुलिस टीम को मारने की योजना बनायी थी जिसके लिये उसने शार्प शूटर बुलाये और योजना के अनुसार सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों को मार भी दिया। हत्या के बाद सबूत मिटाने के इरादे से वह शवों को जलाना चाहता था और इसके लिये पर्याप्त मात्रा में केरोसिन का इंतजाम भी कर लिया था लेकिन इस बीच और फोर्स आ गयी और उसे भागना पड़ा।
दुर्दांत अपराधी ने कहा कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र से उसकी नहीं बनती थी। निलंबित थानाध्यक्ष विनय तिवारी ने भी उसके प्रति सीओ के विचार के बारे में जानकारी दी थी। क्षेत्राधिकारी के सर पर सटा के गोली मारी गयी। इससे पहले उनका पैर पर कुल्हाड़ी से वार किया गया था लेकिन यह सब उसके साथियों ने किया।
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद उसने चिल्ला-चिल्लाकर कहा “मैं विकास दुबे, कानपुर वाला।”
इससे पहले पुलिस ने विकास के करीबी रणबीर दुबे उर्फ बऊआ और प्रभात मिश्रा को अलग अलग जिलों में मुठभेड़ में ढेर कर दिया । प्रभात को पुलिस ने फरीदाबाद के होटल से गिरफ्तार किया था। फरीदाबाद से कानपुर लाते समय पनकी क्षेत्र में पुलिस वाहन का पहिया पंक्चर हो गया था जिसे पुलिसकर्मी बदल रहे थे कि इस बीच प्रभात ने भागने का प्रयास किया और वह पुलिस की गोली से मारा गया।
उधर इटावा के सिविल लाइन क्षेत्र में कार लूट कर भाग रहे बदमाशों की घेराबंदी की गयी तो बदमाशों ने पुलिस दल पर गोलियां चलाना शुरू कर दी। आत्म रक्षार्थ बदमाशों को घेरने वाली पुलिस टीम की ओर से भी गोलियां चलाई गई । नतीजे के तौर पर एक बदमाश गोली लगने से घायल हो गया जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दरम्यान बदमाश की मौत हो गई।
टीम प्रदीप
वार्ता