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आबकारी निरीक्षकों का तबादला रद्द

आबकारी निरीक्षकों का तबादला रद्द

प्रयागराज, 16 नवम्बर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर नगर एवं देहात के नौ आबकारी निरीक्षकों के तबादले को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।

न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंण्डपीठ ने आनन्द कुमार पाठक एवं अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है।

गौरतलब है कि निरीक्षकों का सचेड़ा और रुरा जहरीली शराब पीने से हुई नौ लोगो की मृत्यु के मामले में तबादला किया गया था। तबादला दण्ड के तौर पर किया गया था। घटना में लापरवाही की जबाबदेही तय किये बगैर इन्हें दण्ड स्वरूप स्थानांतरित कर दिया गया।

न्यायालय ने कहा है कि बिना दोषी पाए दण्ड स्वरूप तबादला अवैध है। ऐसे तबादले को जनहित या प्रशासनिक नहीं माना जा सकता। न्याालय ने कहा कि जाँच रिपोर्ट में जिन्हें दोषी माना गया इनमे याचीगण शामिल नही थे, तो इनका तबादला दण्ड स्वरूप नही किया जा सकता।

याची अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि कानपुर नगर के सेक्टर सात और कानपुर देहात के सर्किल तीन में माधुरी ब्रांड की जहरीली शराब पीने से दर्जनों बीमार हुये थे। जिसमे से नौ लोगो की मृत्यु हो गयी। आबकारी विभाग की टीम ने जांच की और लापरवाही के जिम्मेदार लोगो के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुत्ति करते हुए रिपोर्ट दी। मरने वाले सचेड़ी के दूल,हेतपुर,भूल,और सुरार गांव के थे।

एक विधायक के रिश्तेदार रुरा गांव के विनय सिंह ने उन्नाव डिस्टिलरी के पास बनी अवैध शराब की आपूर्ति की थी। सेक्टर सात के आबकारी निरीक्षकों पर कार्यवाही की गयी। किन्तु अन्य जगहों पर तैनात याचियों का भी तबादला कर दिया गया। जब की इन्हें जाच में दोषी नहीं पाया गया था। तो उन्होंने तबादले को दंडात्मक मानते हुए चुनौती दी, जिसे न्यायालय ने रद्द कर दिया है।

सं दिनेश भंडारी

वार्ता

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