राज्यPosted at: Sep 26 2018 3:52PM ई टेंडरिंग मामले से संबंधित जनहित याचिका खारिज
जबलपुर, 26 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के कथित ई टेंडरिंग घोटाले से संबंधित जनहित याचिका को आज राजनीति से राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हेेमंत गुप्ता और न्यायाधीश वी के शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवायी जनहित के तौर पर करने से इंकार करते हुए इसे खारिज कर दिया।
अधिवक्ता के व्ही एस राव की तरफ से दायर की गयी जनहित याचिका में कहा गया था कि ई-टेंडरिंग की आड़ में पंसीदीदा कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए सॉफ्टवेयर से छेड़छाड की गयी है। साफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर नौ कंपनियों को 30 हजार करोड़ रूपये की निविदाएं दी गयी हैं। याचिका में मांग की गयी थी कि इस घोटाले की जांच उच्च न्यायालय अपनी निगरानी में सीबीआई से करवाए।
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि इस संबंध में कई राननीति पार्टियों ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपे हैं। इस संबंध में अखबार में प्रकाशित खबरों का हलाता देते हुए कहा गया कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है और जनहित से संबंधित नहीं है। युगलपीठ ने अखबार में प्रकशित खबरों के आधार पर मामले को राजनीति मानते हुए उसकी सुनवाई जनहित याचिका के तौर पर किए जाने से इंकार कर दिया।
सं प्रशांत
वार्ता