मुम्बई 21 अक्टूबर (वार्ता) यस बैंक,मारुति और रिलायंस जैसी दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह गिरावट में रहने वाले घरेलू शेयर बाजार की दिशा आगामी सप्ताह भारतीय मुद्रा की चाल,कच्चे तेल की कीमतों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में तरलता की स्थिति तथा कंपनियों के तिमाही परिणामों से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 417.95 अंक यानी 1.2 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट के साथ 34,315.63 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 168.95 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़ककर 10,303.55 अंक पर बंद हुआ।
आलोच्य सप्ताह के दौरान छोटी और मंझोली कंपनियों पर भी बिकवाली हावी रही। बीएसई का मिडकैप 227.92 अंक यानी 1.6 प्रतिशत लुढ़ककर 14,058.30 अंक पर और स्मॉलकैप 76.51 अंक यानी 0.54 प्रतिशत फिसलकर 14,082.92 अंक पर बंद हुआ।
आगामी सप्ताह वैश्विक परिदृश्य पर कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढाव, अमेरिका -चीन विवाद, यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा गुरुवार को ब्याज दर के संबंध में की जाने वाली घोषणा तथा ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध जैसे मुद्दे छाये रहेंगे। घरेलू शेयर बाजार पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख, गुरुवार को समाप्त होने वाला अक्टूबर का वायदा कारोबार,डॉलर की तुलना में रुपये की स्थिति तथा एनबीएफसी की तरलता का अधिक असर रहेगा।
इसके साथ ही अगले सप्ताह जारी होने वाले अदानी पोटर्स, टीवीएस मोटर, बजाज ऑटो, विप्रो, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, यस बैंक, आईसीआईसीआई तथा आईटीसी के तिमाही परिणाम भी निवेशकों को प्रभावित करेंगे।
बीते सप्ताह कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया जिससे निवेशकों का मनोबल बढ़ा है। इसके साथ ही डॉलर की तुलना में रुपये की मजबूत हो रही स्थिति भी निवेश धारणा के अनुकूल साबित हुई है।
अर्चना
जारी वार्ता