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कोलार सीट की दुविधा के कारण कोई भी सदस्य कांग्रेस नहीं छोड़ेगा: शिवकुमार

बेंगलुरु, 28 मार्च (वार्ता)कर्नाटक में कोलार लोकसभा सीट के आवंटन को लेकर कांग्रेस के भीतर चल रहे तनाव के जवाब में, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ बैठक में बात की जायेगी साथ ही इस मुद्दे पर पार्टी का कोई भी सदस्य इस्तीफा नहीं देगा।
श्री शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, “ कोलार में टिकट के लिए उम्मीदवारों का दबाव है। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। इस पर कोई भी पार्टी से इस्तीफा नहीं देगा।”इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की तुलना में पार्टी के सामूहिक हित पर अधिक जोर दिया।
उपमुख्यमंत्री ने बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जेडीएस के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने की कांग्रेस पार्टी की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने देवेगौड़ा परिवार के खिलाफ पिछली चुनावी जीतों पर भी प्रकाश डाला, ऐसे उदाहरणों का हवाला देते हुए जहां कांग्रेस के उम्मीदवार जबरदस्त विरोध का सामना करने के बावजूद विजयी हुए।
श्री शिवकुमार ने विशेष रूप से कुमारस्वामी और अनीता कुमारस्वामी पर जीत का उल्लेख किया, जो क्षेत्र में पार्टी की सफलता के ट्रैक रिकॉर्ड को दर्शाता है। उन्होंने इन सफलताओं का श्रेय लोगों के निरंतर समर्थन और निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी की मजबूत उपस्थिति को दिया।
चित्रदुर्ग से गोविंद करजोल को मैदान में उतारने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फैसले के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए, श्री शिवकुमार ने कांग्रेस के अपने उम्मीदवार चंद्रप्पा की ताकत पर जोर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा सांसदों और मंत्रियों को टिकट न देने सहित भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की पसंद राज्य में भाजपा के भीतर आंतरिक कमजोरियों का संकेत है।
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के बारे में प्रश्नों को संबोधित करते हुए,श्री शिवकुमार ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से ही आते हैं।
उन्होंने उल्लेख किया कि पार्टी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से संपर्क करके कर्नाटक में प्रचार के लिए उनकी उपस्थिति का अनुरोध किया था। श्री शिवकुमार ने हालांकि, इन नेताओं की राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को भी स्वीकार किया, जिसका अर्थ है कि अभियान उद्देश्यों के लिए देश भर में उनकी व्यापक यात्रा के कारण कर्नाटक में उनकी उपलब्धता सीमित हो सकती है।कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में 26 अप्रैल और 07 मई को मतदान होगा। मतगणना 04 जून को होगी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के राजनीतिक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय बदलाव देखा गया, जिसमें भाजपा रिकॉर्ड 25 सीटें हासिल करके प्रमुख ताकत के रूप में उभरी। इसके विपरीत, कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन को काफी झटका लगा और वह केवल एक-एक सीट ही जीत पाई।
सोनिया,आशा
वार्ता
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