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खिचड़ी घोटाला: शिवसेना (यूबीटी) नेता अमोल को ईडी का नया समन

मुंबई, 29 मार्च (वार्ता) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता अमोल कीर्तिकर को ''खिचड़ी घोटाले'' में कथित संलिप्तता की जांच के लिए नया समन जारी किया।
श्री कीर्तिकर को यहां मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के लिए एसएस(यूबीटी) द्वारा पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था।
ईडी ने उन्हें 'खिचड़ी घोटाले' में उनकी कथित संलिप्तता की जांच के लिए आठ अप्रैल को पेश होने के लिए बुलाया है, जिसकी शुरुआत में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जांच की थी।
श्री कीर्तिकर, जिन्हें ईडी ने खिचड़ी घोटाले की जांच के सिलसिले में तलब किया था, बुधवार को पूछताछ के लिए नहीं आए। उनके वकील ने अपने मुवक्किल के अनुरोध के बारे में ईडी को सूचित किया और मामले में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए आठ सप्ताह का समय मांगा।
एसएस (यूबीटी) सांसद एवं मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए इसे पार्टी उम्मीदवार पर लागू की गई 'दबाव की रणनीति' करार दिया। उन्होंने कहा, “जिस दिन अमोल कीर्तिकर का नाम एसएस (यूबीटी) उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया, ईडी की कार्रवाई शुरू हो गई। यह और कुछ नहीं बल्कि दबाव की ऐसी रणनीति अपनाकर राजनीतिक विरोधियों को चुप कराने की भाजपा की कोशिश है।''
कथित 'खिचड़ी घोटाला' कोविड-19 महामारी के दौरान बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा प्रवासी श्रमिकों और बेघरों के बीच खिचड़ी के वितरण में अनियमितताओं से संबंधित है, जब श्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता में थी।
एमवीए सरकार गिराए जाने के बाद, ईओडब्ल्यू ने सितंबर 2023 में कई एसएस (यूबीटी) नेताओं के खिलाफ 6.37 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज की, जिनमें श्री राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर, सुनील कदम, एक कैटरिंग कंपनी के राजीव सालुंखे और अन्य संगठन, कुछ बीएमसी सेवक और अन्य शामिल थे।
जांच के दौरान, श्री कीर्तिकर का नाम भी सामने आया और सितंबर 2023 में ईओडब्ल्यू ने उनसे छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की, और जैसे ही मनी-लॉन्ड्रिंग का कोण भी सामने आया, ईडी ने अगले महीने इस मामले में कदम रखा।
सोनिया,आशा
वार्ता
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