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खण्डवा जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों का चुनावी धुंधलका छटा

खण्डवा, 14 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की चार विधानसभा सीटों के चुनावी परिदृश्य नामांकन वापसी के बाद स्पष्ट हो गया है। यहां की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने के साथ ही बसपा, आम आदमी पार्टी, शिवसेना और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी लोगों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। भाजपा और कांग्रेस के बागी प्रत्याशी भी मैदान में है, जिससे चुनावी परिणाम प्रभावित हो सकता है।
निर्वाचन कार्यालय से प्राप्ता जानकारी के अनुसार खण्डवा जिले के मान्धाता विधानसभा के लिये 6, खण्डवा के लिये 7 तथा हरसूद और पंधाना के लिये आठ आठ प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाग्य अजमा रहे है। खण्डवा विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, जहाँ भाजपा ने तीन बार विधायक रहे देवेन्द्र वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के कुंदन मालवीय के साथ है। यहाँ भाजपा अपने बागी मंडी अध्यक्ष आनन्द मोहे के नामांकन वापस लेने के लिए राजी किया लेकिन अपनी दूसरे बागी कौशल मेहरा को मना नहीं सकी है। मेहरा भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। वह अब निर्दलीय मैदान में भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकते है। इसी तरह कांग्रेस भी अपने बागी राजकुमार कैथवास को नहीं मना सकी। वे भी कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा सकते है। इसके अलावा खण्डवा से बसपा से संपत पाचोरे, आम आदमी पार्टी से संजय मेढेकर और निर्दलीय पन्नलाल गिन्नारे मैदान में है।
मान्धाता विधानसभा सीट जिले की एकमात्र सामान्य सीट है। यहां से भाजपा ने अपने विधायक लोकेन्द्र सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाने के बजाय नरेंद्र सिंह तोमर को मौका दिया है। यहाँ कांग्रेस ने भी नारायण पटेल को दोबारा मौका दिया है। यहां कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार उत्तम राजनारायण सिंह के नाम वापस ले लेने से कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला होगा। यहाँ कुल 6 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है।
हरसूद विधानसभा क्षेत्र से 1990 से अपराजित रहे विजय शाह फिर मैदान में है जो मध्यप्रदेश सरकार में प्रभावशाली केबिनेट मंत्री भी है। उनका मुकाबला कांग्रेस के सुखराम साल्वे से है, जो कुछ समय पहले ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए है। यहाँ कुल 8 प्रत्याशी मैदान में है।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पंधाना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने अपनी मौजूदा विधायक योगिता बोरकर के बजाय युवा चेहरे के रूप में राम दान्गोरे को मैदान में उतारा है, जो छात्र राजनीति से राजनीति की मुख्यधारा में आये है। उनका मुकाबला कांग्रेस की छाया मोरे से है। यहाँ कुल 8 प्रत्याशी चुनावी मैदान में डटे हुए है।
सं विश्वकर्मा
वार्ता
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