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गूंजते थे भोले के जयकारे, आज पसरा सन्नाटा

बागपत 13 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में श्रावण मास के शुरू होते ही बम बम भोले के जयकारों से शिवालय गूंज उठते थे लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आज सड़कों व मंदिरों में सन्नाटा छाया रहा।
जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुरेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा करता था लेकिन महामारी कोरोना वायरस के चलते मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। मंदिर का गर्भगृह बंद होने से फिलहाल पुरा महादेव मंदिर परिसर में एक तरह से वीरानी सी छाई हुई है।
यहां पर प्रतिवर्ष सावन एवं फाल्गुन माह में लाखों शिवभक्त भगवान का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मन्नतें मांगते थे। यहां तक कि सावन मास के सोमवार को भी लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते थे। किवदंती है कि सावन मास में ही भगवान शिव का विवाह हुआ था। इस अवसर पर प्रति वर्ष लाखों शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लाकर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करते है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।
सावन मास में अमीनगर सराय क्षेत्र में पुरा गांव स्थित प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक पुरा महादेव मंदिर में भी लाखों लोग जलाभिषेक करते थे लेकिन इस बार मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। इसकी वजह कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मंदिर में भीड़ न जुटे, बताई जा रही है।
पुरा महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित जयभगवान शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष शिवरात्रि पर मंदिर में करीब 20 से 25 लाख कांवड़िए जलाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने कांवड़ लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में सोमवार को पुरा महादेव मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों का पहरा लगा रहा, जिससे मंदिर पर पहुंचने वाले लोगों को मंदिर में जाने से रोका जा सके।
उन्होंने बताया कि हरियाणा, पंजाब और दिल्ली से आकर श्रद्धालु पुरा महादेव मंदिर पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करते थे। उन्होंने बताया कि तीन दिन तक चलने वाले मेले में तो एक दिन में ही 5 से 6 लाख कांवड़ियों द्वारा भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया जाता है। इनमें दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब के श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचते थे।
सं प्रदीप
वार्ता
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