सिरसा,08 दिसंबर (वार्ता) हरियाणा के बिजली, जेल एवं ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा है कि हम अपने जीवन में श्रीमद भगवत गीता के उपदेशों को अपनाकर जीवन को आदर्श बना सकते है। यह तभी संभव होगा जब गीता का उपदेश हर घर तक पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का जिला स्तर पर गीता जयंती महोत्सव मनाने का कदम सराहनीय है। इससे लोगों को भूली हुई संस्कृति की जानकारी मिलेगी जो उन्हें नई राह दिखाएगी। श्री सिंह रविवार को फतेहाबाद के मनोहर मैमोरियल कालेज में आयोजित जिला स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के प्रात:कालीन सत्र समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले स्कूली बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया।
बिजली मंत्री ने कहा कि यदि किसी को गीता का महत्व समझना है तो एक बार कुरुक्षेत्र की भूमि का दर्शन करना चाहिये, तभी जाकर पता चलेगा कि हरियाणा की इस रणभूमि का महत्व क्या है। जहां श्रीकृष्ण ने लोगों गीता का उपदेश देकर धर्म और कर्म की राह बताई। आज विश्व के 15 दिनों में गीता जयंती महोत्सव बनाए जा रहे है जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। यह सब हरियाणा सरकार के प्रयासों की बदौलत ही संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से आज की युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी मिलेगी और वे संस्कारवान बनेंगे। अतिरिक्त उपायुक्त महावीर प्रसाद,जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी आत्माराम व विनय बैनीवाल ने मुख्यातिथि को गीता भेंट की।
कार्यक्रम में प्रो. आरके शर्मा ने गीता महत्व बारे विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा राज नहीं होना चाहिए जिसकी नींव अपनों की लाशों पर हो। लेकिन धर्म और कर्म दो अलग-अलग रास्ते है जिसमें भावना का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने हर कदम समाज को शिक्षा देकर नई राह दिखाने का काम किया है।
विद्वान पंडित राकेश शर्मा ने कहा कि गीता भगवान की वाणी है। इसके पाठ करने से लोक और परलोक दोनों सुधरते है। इसलिए गीता पाठ के लिए दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए। इससे जीवन आनंदमय बन जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक प्रवक्ता सुदामा शास्त्री ने हवन यज्ञ करके किया।
सं शर्मा
वार्ता