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दुष्यंत की अधिकारियों को उद्योगों से हटाये गये श्रमिकों की सूची देने के निर्देश

चंडीगढ़, 02 अप्रैल(वार्ता) हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के सभी जिला श्रमायुक्तों तथा विभाग के उप-निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान अपने अधिकार क्षेत्रों में उद्योगों से से हटाए गए श्रमिकों, बिना वेतन और दिहाड़ी के रह गए श्रमिकों, ड्राई राशन न मिलने वाले श्रमिकों तथा शैल्टर हॉम्स में ठहराए गए श्रमिकों की सूची तैयार कर 72 घंटों के अंदर मुख्यालय को भिजवाने के निर्देश दिये हैं।
श्री चौटाला आज यहां हरियाणा सिविल सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फील्ड अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस और लॉकडाउन अविध के दौरान प्रदेश में श्रमिकों की स्थिति पर बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्हाेंने इस बात के भी निर्देश दिए कि अधिकारी ईट-भठ्ठों, कैशरजोन, निर्माण स्थलों तथा अधिक जनसंख्या वाले पानीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में रह रहे श्रमिकों की जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से स्थलों का दौरा करें और वीडियो क्लीपिंग के साथ फोटो मुख्यालय को भेजें।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशानुसार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान कोई भी उद्योग या नियोक्ता अपने संस्थानों से किसी भी श्रमिक को जबरन निकाल नहीं सकता और यदि वे ऐसा करते हैं तो उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान उद्योग और नियोक्ता को अपने स्तर पर या जिला प्रशासन, रेड क्रॉस और सामाजिक संगठनों के सहयोग से श्रमिकों के खाने पीने और ठहरने की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि इस अविध के दौरान सरकार ने स्थिति की समीक्षा के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को हर जिले के नोडल अधिकारी नियुक्त किया है तथा जिला उपायुक्तों के माध्यम से आवश्यक प्रबंध करने के लिए जिला श्रमायुक्त इनसे सम्पर्क कर सकते हैं।
बैठक में श्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं का विनिर्माण करने वाली फैक्ट्ररियों का संचालन आवश्यक रूप से सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बात का भी ध्यान रखें कि कोई भी उद्यमी विशेषकर, लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के उद्यमी अपने श्रमिकों को जबरन अवकाश पर न भेजे क्योंकि एक बड़ी संख्या में देश के उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और उत्तर-पूर्वी राज्यों से बड़ी संख्या में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और हरियाणा के उद्योगों में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उद्योगों की सुरक्षा के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी को भी आवश्यक वस्तु अधिनियम की श्रेणी में रखा गया है। सम्बंधित जिला पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कदम उठाने के लिए अवगत कराया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे थोक एवं खुदरा व्यापारियों की दुकानों पर रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं राशन, किरयाना और सब्जी के भाव की सूची सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों के अनुरूप प्रतिष्ठानों पर चिपकाना सुनिश्चित करें ताकि दुकानदार ग्राहकों से अधिक मूल्य न वसूल सके। उन्होंने कहा कि अगर दुकानदार अधिक मूल्य वसूलते हैं तो उनके विरूद्घ महामारी अधिनियम के उल्लघंन के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले अप्रैल माह का राशन का कोटा पांच अप्रैल तक तथा मई माह में वितरित किए जाने वाला कोटा भी 15 अप्रैल से पहले डिपो होल्डर के पास पहुंच जाएगा।
रमेश2025वार्ता
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