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निशाना लगाने के लिए शादी से पहले ही लड़कियां दहेज में मांगती है बंदूक

बागपत, 20 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश में बागपत की बेटियां शादी के मौके पर मिलने वाले दहेज में सोना एवं चांदी के जेवर सहित अन्य कीमती सामान की बजाए निशाना लगाने के लिए बंदूक एवं पिस्टल की मांग करती है।
बागपत की बेटियों की यह मांग परिवार के लोग बड़ी खुशी के साथ पूरा भी कर रहे हैं। क्योंकि यही बंदूक ही तो उनके भविष्य को सवार रही है।
बागपत में बड़ौत क्षेत्र के जौहड़ी गांव से इन बेटियों की यह कहानी जुड़ी हुई है। जहां लड़कियां गांव स्थित बीपी सिंघल शूटिंग रेंज (यहीं पर भारतीय खेल प्राधिकरण का प्रशिक्षण केंद्र भी है) पर अभ्यास करती हैं और राष्ट्रीय एवं अतंरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में ढेरों सोने-चांदी और कांस्य के पदक जीत चुकी हैं। इसी आधार पर इन बेटियों को रोजगार मिल गया है। कोई भारतीय खेल प्राधिकरण की कोच बनकर निशानेबाजी सिखा रही है तो कोई एयर इंडिया में नौकरी कर रही है। कोई सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बन देश सेवा कर रही है तो कोई अध्यापक बन देश का भविष्य गढ़ रही है।
बंदूक मांगने के पीछे निशानेबाज बेटियों का कहना है कि वह माता-पिता के सामने प्रस्ताव रखती है कि शादी से पहले उन्हें (बंदूक पिस्टल या रायफल) दिला दो। जिससे वह राष्ट्रीय और अतंरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर नौकरी पा सके। नौकरी मिलने के बाद वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जाएंगी और उसके बाद दहेज के बिना ही उनकी शादी हो जाएगी।
सं तेज
जारी वार्ता
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