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पंजाब-बजट पेश दो अंतिम चंडीगढ़

श्री बादल ने राज्य सीमांत क्षेत्र 2107 गांव और कंडी क्षेत्र के 1414 गांवों के विकास के लिये सीमांत एवं कंडी विकास बोर्ड का गठन करने तथा इसके लिये बजट में 100 करोड़ रूपये का प्रावधान करने, होशियारपुर, फाजिल्का और अमृतसर में कैंसर चिकित्सा केंद्रों के लिये 60 करोड़ रूपये, पटियाला में ओपन यूनीवर्सिटी स्थापित करने हेतु पांच करोड़ रूपये, सुलतानपुर लोधी में गुरू नानक देव को लेकर ‘पिंड बाबे दा‘ संग्रहालय स्थापित करने, गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाशोत्सव के लिये बजट में 300 करोड़ रूपये का प्रावधान करने, पाकिस्तान के साथ करतारपुर गलियारा से सम्बंधित डेरा बाबा नानक क्षेत्र के विकास के लिये ‘डेरा बाबा नानक प्राधिकरण‘ स्थापित करने तथा अमृतसर शहर का एक प्रमुख शहर के रूप में विकास करने हेतु विश्व स्तरीय विश्व स्तरीय वास्तुकारों एवं योजनाकारों को आमंत्रित करने जैसी घोषणाएं भी कीं।
राज्य की कांग्रेस सरकार का दूसरा और लगभग 124693 करोड़ रूपये का बजट पेश करते हुये कहा कि इसमें जनता किसी नये कर का कोई बोझ नहीं डाला गया है। सरकार अपने बेहतर वित्तीय प्रबंधन की बदौलत सरकार वर्ष 2017-18 के 10273 करोड़ रूपये के अनुमानित गैर फंडिंग गैप को वर्ष 2018-19 में 4175 करोड़ तक तथा वर्ष 2019-20 में इसे और कम करते हुये लगभग 2323 करोड़ रूपये तक लाने में सफल रहेगी। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 लगभग 1338 करोड़ रूपये के अनुमानित घाटे के साथ शुरू होगा तथा जिसके वर्ष के अंत तक बढ़ कर 1989 करोड़ रूपये होने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के दौरान राजस्व प्राप्तियां 73811.86 करोड़ रूपये मुकाबले कम होकर 70398.91 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है। अलबत्ता वर्ष 2019-20 में राजस्व प्राप्तियां 78509.70 करोड़ रूपये तथा पूंजीगत प्राप्तियां 75660.18 करोड़ रूपये का अनुमान है जो कुल 154169.88 करोड़ रूपये बैठती हैं। इसी तरह प्रस्तावित वित्त वर्ष में कुल खर्च 158492.66 करोड़ रूपये रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है तथा इसमें लेन देन के लिये लगभग 32 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किये जाने के बाद राज्य बजट का कुल आकार 126692. 66 करोड़ रूपये रह जाता है।
वित्त मंत्री ने बताया कि बजट में राजस्व घाटा वर्ष 2018-19 के अनुमानित 11919 करोड़ के मुकाबले 2019-20 में 11667 करोड़ रूपये तथा वित्तीय घाटा क्रमश: 17650 करोड़ रूपये के मुकाबले बढ़कर 19658 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है। उन्होंने दावा किया कि सरकार अपने प्रयासों की बदौलत राज्य की अर्थव्यवस्था को गत दो वर्षों में पटरी पर लाने पर सफल रही है। लेकिन उन्होंने अपने बजट भाषण में राज्य पर कर्ज का बोझ वर्ष 2018-19 में बढ़ कर 212276 करोड़ रूपये होने तथा वर्ष 2019-20 में इस राशि के 229612 करोड़ रूपये तक पहुंच जाने की बात कही। उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्ज की यह राशि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 39.74 प्रतिशत है तथा अनेक राज्यों के आसपास है।
क्षेत्रवार बजटीय प्रावधानों की जानकारी देते हुये श्री बादल ने कहा कि इसमें कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र के लिये 19.77 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4120.41 करोड़ रूपये, ग्रामीण विकास हेतु 7.33 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1527.69 करोड़ रूपये, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण 916.86 करोड़ रूपये(4.40 प्रतिशत), ऊर्जा क्षेत्र 111 करोड़ रूपये, उद्योग एवं खनिज क्षेत्र 143 करोड़ रूपये, परिवहन क्षेत्र हेतु 5.20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1084.44 करोड़ रूपये, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पर्यावरण 105 करोड़ रूपये, आर्थिक सेवाएं क्षेत्र हेतु 680.30 करोड़ रूपये, सामाजिक सेवा क्षेत्र हेतु 57.31 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 11945 करोड़ रूपये तथा आम सेवाओं के लिये लगभग 210 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।
रमेश1752वार्ता
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