राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 28 2020 12:01AM प्रयोगशाला सहायकों के चयन में धांधली मामले में हाईकोर्ट सख्तलखनऊ, 27 फरवरी (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में 728 प्रयोगशाला सहायकों के चयन में कथित धांधली के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सरकारी वकील से चयन प्रक्रिया में शामिल सभी अफसरों का ब्योरा चार मार्च को तलब किया है। अदालत ने कहा है कि मामले में पहले दिये गए आदेशों के पालन संबंधी पूरी सफाई अगर नहीं दी गयी तो संबंधित अफसर के खिलाफ विपरीत आदेश जारी किये जाएंगें। न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायामूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश मनोज श्रीवास्तव द्वारा वर्ष 2012में दायर विशेष अपील पर यह आदेश दिया। अपीलकर्ता के वकील राजकरण सिंह के मुताबिक़ प्रयोगशाला सहायक(ग्राम्य) के प्रशिक्षण वर्ष 2009 के 728 पदों पर की गयी भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप थे यहां तक उत्तर पुस्तिकाओ को पहले बदले जाने और बाद में इन्हें जांच के डर से नष्ट किये जाने के भी आरोप हैं। इस मामले में राज्य की सीबीसीआईडी की जांच के बाद अन्तिम रिपोर्ट लगा दी थी। मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा और वहां से फिर हाईकोर्ट को वापस भेज दिया गया,जिसपर सुनवाई चल रही है। अपील में सीबीसीआईडी की रिपोर्ट पर सवाल उठाये गये हैं। मामले में न्यायालय ने सीबीसीआईडी की रिपोर्ट समेत केस का पूरा ब्योरा अगली सुनवाई पर चार मार्च को तलब किया है। साथ ही चयन प्रक्रिया में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकओं(ओ एम आर शीट्स) की स्थिति भी पेश करने को सरकारी वकील को एक सप्ताह का समय दिया है। सं त्यागीवार्ता