Saturday, Apr 27 2024 | Time 05:45 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


भाजपा विधायक कर्णवाल ने चैम्पियन के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा

नैनीताल, 12 दिसंबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक देशराज कर्णवाल ने पार्टी से निष्कासित खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम, 1989 के तहत गुरुवार को हरिद्वार में मामला दर्ज कराया।
श्री कर्णवाल हरिद्वार के झबरेड़ा विधानसभा से भाजपा के विधायक हैं। श्री चैम्पियन भी भाजपा के विधायक थे लेकिन पार्टी ने उन्हें छह साल के लिये पार्टी से निष्कासित कर रखा है। श्री कर्णवाल ने श्री चैम्पियन के खिलाफ रूड़की स्थित सिविल लाइंस थाने में आज मामला दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया है कि विधायक चैम्पियन ने इसी साल अप्रैल में उनके और उनकी धर्मपत्नी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की है और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया है।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर लक्सर थाने के क्षेत्राधिकारी चंदन सिंह बिष्ट को इस मामले की जांच करने को कहा गया है। श्री बिष्ट ने इसकी पुष्टि की है और बताया कि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 153ए, 295ए, 506, 509 एवं अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। श्री कर्णवाल ने शिकायत में कहा है कि श्री चैम्पियन ने इस साल की शुरूआत में रुड़की के नेहरू स्टेडियम में उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ अपमानजनक जाति आधारित शब्दों का प्रयोग किया था। श्री बिष्ट ने कहा कि वह मामले की जांच कर रहे हैं और तथ्य जुटाये जा रहे हैं।
दूसरी ओर हालांकि श्री चैम्पियन ने इससे इन्कार किया है। उन्होंने ऐसी किसी भी टिप्पणी से इन्कार किया है। उन्होंने कहा मैंने उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ किसी प्रकार की कोई जातिगत टिप्पणी नहीं की है। यह मेरी छवि खराब करने की साजिश है। मैं सक्षम अधिकारियों के सामने अपनी बात रखूंगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इसी साल जुलाई में एक वीडियो सामने आने के बाद श्री चैम्पियन को छह साल के लिये पार्टी से निष्कासित कर दिया था। विधायक चैम्पियन इस वीडियो में बंदूकों एवं पिस्तौल के साथ कथित रूप से नृत्य करते दिखायी दे रहे थे। इससे पहले पार्टी ने जून में एक पत्रकार को धमकी देने के आरोप में बड़बोले विधायक चैम्पियन को निलंबित कर दिया था। श्री चैम्पियन उन नौ कांग्रेसी विधायकों में से एक थे जिन्होंने वर्ष 2016 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत की थी और भाजपा में शामिल हो गये थे।
इन दोनों विधायकों के बीच सार्वजनिक झगड़ा पिछले साल से चला आ रहा है। यहां तक कि दोनों के बीच यह प्रतिद्वंद्विता उच्च न्यायालय तक भी पहुंची है। विधायक देशराज कर्णवाल ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर वर्ष 2007 में दर्ज मामले को लेकर श्री चैम्पियन को प्रतिवादी बनाया था। जिसमें कहा गया था कि पुलिस जानबूझकर दर्ज मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रही है। बाद में उच्च न्यायालय ने इस मामले को जांच के लिये गढ़वाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को सौंप दिया था।
यही नहीं इसके बाद विधायक कर्णवाल का जाति प्रमाण पत्र का मामला भी उच्च न्यायालय पहुंचा और आरोप लगाया गया कि देशराज कर्णवाल ने फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। यह भी कहा गया कि श्री कर्णवाल की जाति प्रमाण पत्र का मामला सरकार के पास जांच के लिये गया है और सरकार इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हालांकि एक उच्चस्तरीय कमेटी ने जांच करने के बाद विधायक कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को वैध ठहराया था। इसी महीने एक जाति प्रमाण पत्र को लेकर एक और मामला उच्च न्यायालय में दायर हुआ है।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
image