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माघ मेले में खादी और ग्रामोद्योग वस्तुओं की पांच करोड से अधिक बिक्री: के पी सिंह

माघ मेले में खादी और ग्रामोद्योग वस्तुओं की पांच करोड से अधिक बिक्री: के पी सिंह

प्रयागराज,20 फरवरी (वार्ता) तीर्थराज प्रयाग के माघ मेले में लगी प्रदर्शनी में खादी और ग्रामोद्योग वस्तुओं की करीब पांच करोड रूपये से अधिक की बिक्री हुई है।

माघ मेले की शान खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी के गुरूवार को समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रयागराज के पुलिस महानिरीक्षक के पी सिंह ने कहा कि प्रदर्शनी में खादी एवं ग्रामोद्योगी वस्तुओं की कुल बिक्री पांच करोड़ एक लाख तीन हजार सात सौ चौरासी रुपये की हुई। प्रदर्शनी में कुल 260 स्टाल प्रदेश के अतिरिक्त बिहार झारखंड मध्य प्रदेश राजस्थान असम बंगाल नागालैंड महाराष्ट्र जम्मू-कश्मीर आदि प्रदेशों के खादी व ग्रामोद्योग उत्पादकों की स्टाल लगे थे। प्रदर्शन 19 जनवरी से शुरू हुई थी।

उन्होने कहा कि अभी तक वार्डरोब में बन्द खादी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वस्तरीय पहचान दी। उन्होने कहा कि 29 फरवरी को प्रधानमंत्री परेड़ मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को कृतिम अंग वितरण करेंगे। इस अवसर पर प्लास्टिक की बोतल और मग नहीं होंगे। मिट्टी के घड़े या मिट्टी से बने हुए बोतल और गिलास ही

दिखेगा।

श्री सिंह ने कहा कि पर्यावरण और वातावरण के लिए माटी से जुड़े उद्योगों से एक स्वच्छ समाज का निर्माण होगा। खादी ग्रामोद्योग से एक बड़ा रोजगार और उनके कामों की ब्रांडिंग श्री मोदी ने किया है। गांव के अंदर लोगों के हुनर और कला तथा प्रतिभाओं को लेकर खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा प्रोत्साहन एक प्रशंसनीय कार्य है। खादी के कपड़े पहन कर हम

विदेशों में जाते हैं तो यह माना जाता है यह हिंदुस्तान की पहचान है। गांधी जी के सपनों से जुड़ा और विकास ने भारत में एक नया आयाम दिया है।

उन्हाेने कहा कि प्रधानमंत्री का नारा “खादी फाॅर नेशन, खादी फॅार फैशन” को मजबूती प्रदान करना होगा जिससे दुनिया में खादी अपने आप में भारत का ब्रांड बन सके। मेले की शान खादी ग्रामोद्योग की प्रदर्शनी में ग्राम उद्योग से जुड़ी ए टू जेड सामग्री मिलती है। ग्राम उद्योग रोजगार का एक बड़ा प्लेटफार्म है। देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है। खादी के नए फैशन से देश में बदलाव हो रहा है। नए-नए डिजाइन में खादी से बने वस्त्र समाज को मिल रहा है। समाज ने खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से देश का पैसा देश में रहे जिससे दुनिया में हम सबसे आगे रहें। खादी ग्राम उद्योग के जरिए

महिलाएं लोन लेकर स्वालंबी बनकर अपने भविष्य का निर्माण कर रही हैं।

दिनेश भंडारी

वार्ता

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