वाराणसी,27 फरवरी (वार्ता) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने गुरुवार यहां कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के मुताबकि शिक्षा एवं ज्ञान का वैश्विक केन्द्र बनाने का लक्ष्य हासिल करने में किसी भी तरह की अड़चन नहीं आने दी जाएगी।
उन्होंने विश्वविद्यालय में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास के बाद कुलपति प्रो0 राकेश भटनागर समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर अन्य परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली तथा उन्हें तय समयावधि के भीतर पूरा करने के निर्देश दिये।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के अतिथि गृह में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंन्द्रीय मंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के पूर्ण होने में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए और अगर किसी कारण से ऐसा हो रहा है तो उसका तुरंत निराकरण किया जाए।
केंद्रीय मंत्री ने श्री मोदी के विज़न की चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा एव ज्ञान का वैश्विक केन्द्र बनाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को हासिल करने में किसी भी तरह की कोई अड़चन नहीं आने दी जाएगी। परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।
डॉ0 पोखरियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के सपना बीएचयू को पारंपरिक और प्राचीन ज्ञान के साथ साथ आधुनिक शिक्षा के संस्थान के रूप में स्थापित करना है। वाराणसी की भूमि अध्यात्म और प्राचीन ज्ञान से परिपूर्ण है। यहां स्थित यह विश्वविद्यालय देश के चुनिंदा प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार हैं, जहां का चिकित्सा विज्ञान संस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान है। यहां स्थित आईआईटी सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेष स्थान रखता है। विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा एवं शोध के लिए बीएचयू के विज्ञान संस्थान का अपना रसूख़ है तो वहीं मानविकी एवं भाषा ज्ञान संबंधी अन्य विषयों में भी ये विश्वविद्यालय वैश्विक रूप से ख्यातिप्राप्त है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को अंतर्विषयक शोध और अनुसंधान के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित किया जाए जहां चिकित्सा विज्ञान, आयुर्वेद, लाइफ साइंसेज़, मानविकी समेत विभिन्न संकायों के तहत अंतर्विषयक अध्ययन व शोध को गति मिले।
उन्होंने कहा कि वैदिक विज्ञान केन्द्र एवं भारत अध्ययन केन्द्र, प्राचीन भारतीय ज्ञान के वैज्ञानिक पहलुओं पर शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय को ‘इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा मिलना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे बीएचयू वैश्विक स्तर पर नए स्तर पर स्थापित होगा।
श्री पोखरियाल ने विश्वविद्यालय में नवनिर्मित एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत दिनों लोकार्पित शताब्दी सुपर स्पेश्यलिटी ब्लॉक, सेन्ट्रल डिसकवरी सेन्टर, सेन्दर फॉर बोन मैरो ट्रांसप्लांट एवं स्टेम सेल रिसर्च सेन्टर एवं सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस फॉर मेन्टल हेल्थ के संबंध में जानकारी ली तथा इसके सुचारू रूप से शीघ्र संचालित करने पर ज़ोर दिया।
बैठक के दौरान कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने केंद्रीय मंत्री को विश्वविद्यालय में चल रही विकास्तमक गतिविधियों ख़ासकर शिक्षण, शोध और नवीन भवनों के निर्माण के संबंध में अवगत कराया। प्रो0 भटनागर ने मुख्य रुप से गत दिनों प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पित परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विश्विद्यालय के रेक्टर प्रो. वी. के. शुक्ला तथा चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. आर के. जैन ने केंद्रीय मंत्री को बीएचयू अस्पताल के एम्स स्तरीय संस्थान बनाए जाने में केन्द्र सरकार द्वारा की गई अभिनव पहल संबंधी जानकारी दी। वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डॉ. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने वैदिक विज्ञान केन्द्र में संचालित पाठ्यक्रमों के संबंध में बताया। भारत अध्ययन केन्द्र के प्रोफेसर प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी एवं प्रोफेसर जुगल किशोर मिश्र ने भारत अध्ययन केन्द्र के कार्यकलापों से अवगत कराया।
बैठक में बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल के अधीक्षक प्रोफेसर एस. के. माथुर, कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी, पशु विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. रमा देवी और इंटर यूनिवर्सिटी सेन्टर फॉर टीचर एजुकेशन के निदेशक प्रोफेसर वी. के. त्रिपाठी और आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर पी. के. जैन आदि मौजूद थे।
बीरेंद्र त्यागी
वार्ता