राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Sep 20 2019 1:20PM मुरैना में बाढ़ से मची तबाही का मंजर होने लगा स्पष्टमुरैना, 20 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी का जलस्तर कम होने के बाद से मची तबाही का मंजर अब क्षेत्र में साफ-साफ दिखाई देने लगा है।चंबल की बाढ़ से जिले में मजरा-टोला सहित करीब एक सौ दस गांव प्रभावित हुए हैं। करीब 52 गांवों में ढाई सौ से अधिक कच्चे-पक्के मकान और झोंपड़ियों को आंशिक क्षति पहुंची है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिले में बाढ़ से करीब चार हजार हेक्टेयर में खड़ी खरीफ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हुई है। जिले के दो दर्जन गांवों में तबाही का मंजर फैल गया है। ग्रामीण बाढ़ के पानी के कारण अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं और वहां राहत व बचाव दलों को भी पानी अधिक होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ में घिरे लोगों ने बताया कि उनका अधिकतर सामान पानी से खराब हो गया है और कुछ बह गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को चंबल नदी का जलस्तर कम होने के बाद जिला प्रशासन ने कल से मोटरबोट और नाव के जरिये खाद्य सामग्री पहुंचाई, जिससे उन्हें कुछ हद तक राहत मिली। संभागायुक्त रेनु तिवारी ने भिंड, मुरैना ओर श्योपुर जिले के कलेक्टरों को बाढ़ के पानी और गंदगी से फैलने वाली विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिये उचित प्रबन्ध करने के निर्देश जारी किये हैं।सं गरिमावार्ता