Saturday, Apr 27 2024 | Time 03:31 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


लाेकरूचि तालाब बदहाली तीन अंतिम इटावा

महारानी विक्टोरिया के नाम पर जिले के रजवाड़ा व धनाढ्य घरानों ने शहर के पक्का तालाब के किनारे विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण कराया । जब ब्रिटिश सरकार ने रजवाड़ों को भारत दौरे पर आ रहीं इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को खुश करने की सलाह दी। पक्का तालाब के किनारे न सिर्फ आजादी की लड़ाई के रूप में बल्कि कुछ अन्य स्मृतियों के साथ इसे संजोया गया है।
15 अगस्त 1957 को अंग्रेजी हुकूमत की यादों को मिटाने के लिए विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का नाम बदलकर कमला नेहरू हॉल रखा गया और पक्के तालाब के बीचों-बीच अशोक स्तम्भ स्थापित कर दिया गया। यह निशानी थी कि भारत अब आजाद है ।
इटावा की नगर पालिका अध्यक्ष नौशाबा खान का कहना है कि ऐतिहासिक पक्का तालाब इटावा नगर की धरोहरो मे से मुख्य मानी जाती है । इसकी बदहाली को दूर करने की दिशा मे सतही तौर पर काम किया जायेगा । अभी तक जो भी कार्य यहॉ पर कराये गये वो तकनीकी तौर पर पूरी तरह से सही नही थे नतीजे के तौर पर वो एक भी कारगर नही हो सके ।
इटावा के के.के.कालेज के इतिहास विभाग के प्रमुख डा.शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि यह पक्का तालाब आजादी के वक्त का ना केवल निर्मित है बल्कि इससे इटावा की पहचान बनी हुई है । जिम्मेदार संस्थाओ को इस ऐतिहासिक तालाब की बदहाली दूर करने की दिशा मे सक्रिय रह कर काम करने की जरूर है।
सं प्रदीप
वार्ता
image