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राज्य


विस में गूंजा कानून व्यवस्था का सवाल

देहरादून; 20 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखंड विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन राज्य में कानून व्यवस्था के प्रश्न पर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाये।
गुरुवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने नियम 310 के अंतर्गत, देहरादून सहित कई जनपदों में महिला और बालिकाओं के साथ बढ़ रहे दुष्कर्म की घटनाओं, हत्या और लूट जैसी जघन्य घटनाओं पर चर्चा की मांग की। पीठ ने नियम 58 के तहत भोजन अवकाश के बाद इस मुद्दे पर जब चर्चा के लिये समय दिया तब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सात वीभत्स डकैती और हत्याकांड का जिक्र करते हुए देवभूमि में बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त की।
कांग्रेस के ही प्रीतम सिंह ने चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि जनवरी माह से अगस्त तक आठ महीनों में राज्य के विभिन्न स्थानों पर बलात्कार की कुल 340, शादी और शारीरिक शोषण की 183, दहेज हत्या के 48 और डकैती व लूट के कुल 101 मामले हो चुके हैं। यह स्थिति देवभूमि के रूप में विख्यात उत्तराखंड के लिये निश्चित रूप से चिन्ता का विषय है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार अनवरत कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिये प्रयासरत है। अन्य राज्यों की तुलना में हमारे यहां अपराध बहुत कम हैं।
सदन में आज महा लेखा परीक्षक (कैग) की वर्ष 2017 की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ, 05 विभिन्न विधेयकों में संशोधन पर चर्चा की गई। जबकि उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ (संशोधन)विधेयक 2018 को पारित किया गया।
इससे पूर्व विभिन्न मुद्दों पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय विपक्ष के निशाने पर रहे। स्कूलों में सफाई कर्मचारियो की नियुक्ति के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह मृत संवर्ग का होने के कारण, आउट सोर्सिंग के माध्यम से स्कूलों में सफाई कर्मचारी नियुक्ति किये जायेंगे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अभी वर्तमान में 1764 पद सफाई कर्मचारियों के सृजित है जिसमें 392 पदों पर सफाई कर्मचारी कार्यरत है। विधायक दिलीप रावत के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि प्रदेश में 74 राजकीय इंटर कालेज शौचालय विहीन हैं जबकि 86 राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भी शौचालय नही है।
सं. नीरज
वार्ता
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