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हरीश रावत के स्टिंग मामले में सीबीआई कल सौंपेगी जांच रिपोर्ट

नैनीताल, 19 सितम्बर (वार्ता) कांग्रेस के पूर्व महासचिव एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण में शुक्रवार को सुनवाई होगी। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कल उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद सभी की नजर अदालत के निर्णय पर रहेगी।
श्री हरीश रावत के खिलाफ स्टिंग प्रकरण में भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में हो रही है। जांच एजेंसी ने जांच पूरी कर ली है और वह रिपोर्ट शुक्रवार को उच्च न्यायालय में पेश करेगी।
सीबीआई की ओर से विगत 21 अगस्त को एक आवेदन पत्र अदालत में पेश किया गया था और कहा गया था कि सीबीआई ने स्टिंग प्रकरण की जांच पूरी कर ली है। इसके बाद अदालत ने 20 सितम्बर को सीबीआई को सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। माना जा रहा है कि सीबीआई कल रिपोर्ट अदालत में पेश करेगी।
सीबीआई रिपोर्ट के बाद सबकी निगाह कल अदालत के निर्णय पर रहेगी। अदालत पूर्व मुख्यमंत्री के मामले में क्या निर्देश देती है। हालांकि सीबीआई ने विगत दिनों अदालत में साफ कर दिया है कि वह श्री रावत के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहती है। अब देखना है कि कल सुनवाई के बाद क्या निर्णय आता है।
दूसरी ओर कांग्रेस नेता भी इस मामले को लेकर नैनीताल पहुंच रहे हैं। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने इसकी पुष्टि की। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि श्री रावत की पैरवी के लिये कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं अधिवक्ता कपिल सिब्बल मामले की पैरवी करेंगे और वह नैनीताल पहुंच रहे हैं। कांग्रेस के अन्य नेता भी पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थन में नैनीताल में डेरा डाल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 2016 में श्री रावत पर अपनी सरकार बचाने के लिये कथित रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक समाचार चैनल के स्टिंग के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात कही थी। इसके बाद इससे प्रदेश की राजनीति में ऊबाल आ गया था।
इसके बाद यह मामला उच्च न्यायालय पहुंचा और समन्वय बेंच ने 20 जुलाई 2016 को एक आदेश जारी कर सीबीआई को निर्देश दिया कि उनके खिलाफ कोई कदम उठाने से पहले उच्च न्यायालय को सूचित करें। इसके बाद ही अगली कार्यवाही हो सकेगी।
वर्ष 2016 में श्री रावत सरकार के कई विधायक एवं मंत्री वित्त विधेयक पास कराने के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा के खेमे में चले गये थे। इसके बाद आरोप है कि हरीश रावत ने बागी विधायकों एवं मंत्रियों को वापस लाने के लिये एक समाचार चैनल के साथ खरीद फरोख्त की बात की। कई दिनों की राजनीतिक अस्थिरता के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। हालांकि उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के आदेश के बाद श्री रावत की फिर सत्ता में वापसी हुई लेकिन इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल के के पाॅल उनके खिलाफ सीबीआई जांच की संस्तुति केन्द्र को भेज चुके थे।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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