राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: May 28 2020 9:12PM 15वें वित्त आयोग से जारी अनुदान का उपयोग वेतन भत्तों में नहीं होगाभोपाल, 28 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश के दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिये 15वें वित्त आयोग से जारी प्राथमिक अनुदान और निर्दिष्ट अनुदान की राशि का उपयोग वेतन भत्ते एवं स्थापना व्यय के लिये नहीं किया जायेगा।आधिकारिक जानकारी के अनुसार दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिये 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार निर्दिष्ट अनुदान का वितरण आवास और शहरी कार्य मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा तय किये गये परफार्मेंस स्टेण्डर्ड के आधार पर किया जायेगा। 15वें वित्त आयोग से जारी प्राथमिक अनुदान और निर्दिष्ट अनुदान की राशि का उपयोग वेतन भत्ते एवं स्थापना व्यय के लिये किसी भी स्थिति में नहीं किया जायेगा। प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास नीतेश व्यास ने सभी नगरीय निकायों एवं समस्त मुख्य अधिशासी अधिकारी छावनी परिषद को 15वें वित्त आयोग द्वारा नगरीय निकायों को जारी अनुदान के उपयोग के संबंध में निर्देश जारी कर दिये हैं। निर्देश के अनुसार दस लाख से अधिक आबादी वाले मध्यप्रदेश के शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर को परिवेशीय वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये अनुदान मिलेगा। इसके लिये स्वीकृत अनुदान में से 50 प्रतिशत सुधार लाने संबंधी उपायों के लिये और 50 प्रतिशत परफार्मेंस के आधार पर मिलेगा। पहली किश्त का उपयोग वायु गुणवत्ता में सुधार लाने संबंधी उपायों के लिये किया जा सकता है। दूसरी किश्त का वितरण जनवरी-2021 में वायु गुणवत्ता में वर्ष-दर-वर्ष सुधार के परिणामों के आधार पर किया जायेगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार लाने तथा स्टार रेकिंग हासिल करने के लिये अनुदान की राशि का उपयोग करेंगे।दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिये 50 प्रतिशत राशि प्राथमिक अनुदान के रूप में और 50 प्रतिशत राशि निर्दिष्ट अनुदान के रूप में दी जायेगी। प्राथमिक अनुदान की राशि से पेयजल, सीवरेज तथा नाली निर्माण, सड़क निर्माण एवं अधोसंरचनात्मक विकास कार्य, गंदी बस्तियों में अधोसंरचना निर्माण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ई-गवर्नेंस और अग्निशमन सेवाएँ जैसे कार्य प्राथमिकता के क्रम में करवाना होगा। इन शहरों में निर्दिष्ट अनुदान की राशि से स्वच्छता और खुले में शौच-मुक्त की स्थिति को कायम रखने के लिये ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के कार्य करवाये जायेंगे।विश्वकर्मावार्ता