राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 11 2018 8:07PM नक्सलियों को मुंहतोड़ जबाव देने बीजापुर के जंगल में उतारा गया बाइक ग्रेनेड लॉन्चरबीजापुर, 11 नवंबर (वार्ता) छत्तीसगढ के बस्तर में अब तक कई हमलों में एके 47, इंसास, यहां तक की यूबीजीएल जैसे अत्याधुनिक हथियारों को लूटकर पावलफूल हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जबाव देने के मकसद से पहली बार ऑटोमेटिक बाइक ग्रेनेड लांचर को बीजापुर के जंगल में उतारा गया है।खास बात यह कि लांचर की इस तरह की डिजाईन अब तक किसी भी पैरामिलिट्री फोर्स में देखी नहीं गई थी। यह अलग तरह का डिजाइन बीजापुर स्थित केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 85 वीं बटालियन के सीईओ सुधीर कुमार के दिमाग की उपज है, जिसे सैन्य शक्ति के लिहाज से बड़ी उपलब्धि भी माना जा सकता है।सीईओ सुधीर कुमार बताते हैं कि यह डिजाइन उन्होंने खुद तैयार किया था। पूरे स्ट्रक्चर को तैयार करने दस दिन लगे। सुधीर कुमार के अनुसार यह डिजाइन अपने आप में अनोखा है। देश में किसी भी फोर्स के पास ऐसा हथियार नहीं है।चूंकि बस्तर में नक्सली गुरिल्ला वार की तर्ज पर अटैक करते हैं। हथियार के बूते अकेला जवान सौ से अधिक नक्सलियों पर भारी पड़ सकता है।खास बात यह भी कि जहां भारी भरकम लांचर को ले जाने में सहूलियत हो रही है, वहीं जरूरत पडऩे पर ढांचे को बाइक से अलग भी किया जा सकता है। ऑटोमेटिक बाइक ग्रेनेड लॉंचर को डिजाइन ही इस तरह से किया गया है कि इसे दुर्गम से दुर्गम इलाकों तक ले जाने में मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। मोटरसाइकिल के पिछले पहिए के एक्सल और शाकअप के सहारे लांचर के पूरे ढांचे को कुशल इंजीनियरिंग का प्रर्दशन करते सेट किया गया है।लांचर का वजन 10 किलो 2 सौ ग्राम है, इसके अलावा दस राउंड फायर के साथ-साथ विशेषता यह भी है कि यह ग्रेनेड को भस्ट फायर करता है। मारक क्षमता एक किलोमीटर के साथ ही आठ मीटर की परिधि तक दुश्मन को चित्त करने की क्षमता इसमें है। फिलहाल इस हथियार का इस्तेमाल 85वीं बटालियन के जवान ही कर रहे हैं। इसकी डिजाइन और मारक क्षमता को देखकर यकीनन सीआरपीएफ डबल पावरफूल हो गई है।वही कल होने वाले मतदान पर अगर नक्सली टेड़ी नजर रखते है तो एक साथ दो सौ नक्सलियों का रास्ता रोकने के लिए यह एकमात्र हथियार काफी है।करीम बघेल वार्ता