राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Feb 10 2019 8:25PM जैविक लिक्विड बूस्टर का दिल्ली आईआईटी में प्रदर्शनगरियाबंद,10 फरवरी (वार्ता) छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला अंतर्गत मैनपुर ब्लॉक के एक मिडिल स्कूल के एक छात्र ने किसानों के फसलों में वृद्धि करने के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जैविक लिक्विड बूस्टर का आविष्कार कर लिया है इस होनहार छात्र की इस कदम की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।जिले के ग्राम झरियाबाहरा निवासी गिरधर यादव कक्षा 8वीं में गांव के स्कूल में ही अध्ययनरत है। गिरधर ने उम्र के इस पड़ाव में एक ऐसा बड़ा काम कर दिखाया है जिस उम्र में बच्चों का ध्यान केवल खेलने कूदने जैसे कार्यों पर लगा रहता है। गिरधर ने फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए घर पर ही जैविक लिक्विड बूस्टर तैयार किया है। जिसे फसलों का च्यवनप्राश कहा जा रहा है। इसके इस्तेमाल से फसल के उत्पादन में 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।छात्र की इस उपलब्धि की वजह से उसे राज्य और अंतर्राज्यीय प्रदर्शनी में भाग लेकर इंस्पायर्ड आवार्ड जीत चुका है और अब 15 फरवरी को आईआईटी दिल्ली में अपने उत्पाद का प्रदर्शन करने जा रहा है। गिरधर सरकारी स्कूल में पढ़ता है। वन क्षेत्र में संचालित झरियाबाहरा मिडिल स्कूल से तीन छात्र इंस्पायर आवार्ड हासिल कर चुके हैं। पिछले 10 साल के भीतर यह अवार्ड हासिल करने वाला गिरधर तीसरा छात्र है। उससे पहले दो छात्र ये आवार्ड हासिल कर चुके हैं। स्कूल के शिक्षकों के मुताबिक इसके लिए वे शासन से मिले टॉपिक पर बच्चों से विशेष तौर पर तैयारी करवाते हैं।गिरधर ने दावा किया है कि वे इसका इस्तेमाल घर की बाड़ी में कर चुके है, जिसका अच्छा असर उन्हें देखने को मिला है, आसपास के ग्रामीण सहित बोइरगॉव के मुखिया सुन्दर सिंह ने भी इसे किसानों के लिए लाभकारी बताया है। गिरधर ने इसे स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक रामजी तिवारी के प्रेरणा और मार्गदर्शन में तैयार किया है। रामजी के मुताबिक इस जैविक खाद में धतूरा, नीम, करेंच की पत्तिया, आंवला, हर्रा, बहेरा के अलावा तीन प्रकार की हल्दियों को मिलाकर इसे तैयार किाय गया है। जब पौधे फल लगने के लिए तैयार हो उसके सप्ताह भर पहले से इस लिक्विड खाद का छिड़काव कीटनाशकों की तरह करना होता है। एक लीटर इस जैविक खाद को 10 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ की फसल में छिड़काव किया जा सकता है। इसके छिड़काव से न सिर्फ फसल-पौधे का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि कीटनाशक का भी यह काम करेगा।सं नागवार्ता