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बेंगलुरू में बंधक 11 मजदूरों को मुक्त करा परिजनों को सौंपा

पत्थलगांव, 05 अप्रैल (वार्ता) छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से ले जाकर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में बंधक बनाए गए सभी 11 मजदूरों को आज वापस लाकर उनके परिजनों को सौंप दिया। इन मजदूरों को आकर्षक वेतन का लालच देकर बेंगलुरू ले जाया गया था।
पुलिस अधीक्षक शंकर लाल बघेल ने आज बताया कि पत्थलगांव तहसील के विभिन्न गांवों के इन मजदूरों को आकर्षक वेतन दिलाने का लालच देकर राजू नामक स्थानीय एजेंट ने इन्हे बेंगलुरू में एक निजी कम्पनी के मैनेजर को बेच दिया था। लगभग दो माह से बगैर वेतन के काम कर रहे इन मजदूरों ने बीते सप्ताह केन्द्रीय मंत्री विष्णु देव साय को फोन कर मदद करने की गुहार लगाई थी।
बेंगलुरू में बंधक बना कर रखे जाने की जानकारी मिलने के बाद श्री साय से बंधक बने गोविंदराम, परमेश्वर राम, मंजीत, उमेश, सीतेश, गुलेश्वर, लुन्दर साय,बीरसिंग, ईश्वर,दीपक और केदार नामक इन 11 मजदूरों का पूरा व्यौरा दिया था। केन्दीय मंत्री की सूचना के बाद मज़दूरों की मदद के लिए कोतबा थाना पुलिस की टीम को रवाना किया गया था।
श्री बघेल ने बताया कि बंधक मजदूर और पुलिस की टीम के साथ फोन से सम्पर्क हो जाने के बाद इन मजदूरों को कर्नाटक पुलिस की मदद से नागपुर रेलवे स्टेशन भेजने की व्यवस्था कराई गई थी। नागपुर से कोतबा पुलिस टीम ने इन मजदूरों को सकुशल लेकर आई है। श्री बघेल ने बताया कि पत्थलगांव क्षेत्र में ग्राम कोकियाखार, बांसबहार, भगवानपुर, पटवाजोर और अम्बाकछार के इन मजदूरों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
उन्होने बताया कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में एक निजी कम्पनी में इन मजदूरों को डेढ़ माह के बाद भी मजदूरी भुगतान नहीं मिल पाने से उन्हे बंधक बनाए जाने का अहसास हुआ था। निजी कम्पनी में मजदूरी नहीं करने पर इन्हे भोजन देने में भी कटौती शुरू कर दी गई थी। मजदूरों को पत्थलगांव से बेंगलुरू ले जाकर बेचे जाने वाले स्थानीय एजेंट के विरूद्ध कोतबा थाना पुलिस ने मानव तस्करी करने का अपराधिक मामला दर्ज कर लिया है।
सं बघेल
वार्ता
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