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मृतकों के परिजनों को आठ लाख रुपए की सहायता, एक इंजीनियर समेत दो निलंबित

बड़वानी, 12 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिला मुख्यालय के समीप नाव से राजघाट जा रहे दो लोगों की करंट लगने से मृत्यु के मामले में उनके परिजनों को आठ आठ लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई है। घटना की राज्य स्तरीय समिति से जांच के अलावा एक इंजीनियर सहित दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
जिला कलेक्टर अमित तोमर ने बताया कि नाव से राजघाट जाने की कोशिश करने के दौरान 2 लोगों की मृत्यु होने के मामले में उनके परिजनों को आठ-आठ लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि 9 अगस्त की सायं विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा कॄषि फीडर बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि बिना परमिट लिए उक्त फीडर किस तरह से आरंभ हुआ, यह जांच का विषय है।
श्री तोमर ने कहा कि मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जूनियर इंजीनियर डी एस सावले और लाइनमैन श्रीराम चौहान को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर जलाशय के बैक वाटर से बड़वानी क्षेत्र के कई ग्रामों में जल मग्नता की स्थिति के मद्देनजर प्रशासन ने उन्हें अस्थाई तौर पर बने पुनर्वास केंद्रों यह सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह कर सामान स्थानांतरित करने के लिए परिवहन की व्यवस्था भी की थी किंतु राजघाट स्थित 40 परिवारों ने अपने 136 मीटर पर डूब आने का हवाला देते हुए वहां से न जाने का निर्णय लिया था।
उन्होंने कहा कि डूब प्रभावितों के मुआवजे संबंधी दावों का परीक्षण कैंप लगाकर किया जा सकता है, किंतु उन्हें फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर जलाशय के बैक वाटर के मद्देनजर नर्मदा का जलस्तर राजघाट स्थित पुराने पुल पर अभी भी खतरे के निशान से करीब 8 मीटर ऊपर है। मुआवजा राशि की घोषणा के उपरांत आज सायं करीब 5 घंटे के प्रदर्शन के उपरांत मृतकों के परिजनों ने उनके शवों को उठाने दिया।
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को सहायता राशि स्वीकृत की गई है और घटना की राज्य स्तरीय समिति द्वारा जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार गुजरात सरकार से चर्चा कर सरदार सरोवर जलाशय के गेट लगातार खोले जाने का आग्रह कर रही है।
गृह मंत्री बाला बच्चन ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने सरदार सरोवर परियोजना से डूब प्रभावित ग्रामों की स्थिति से मुख्यमंत्री कमलनाथ को अवगत करा दिया है। वहीं घटना को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में डूब प्रभावितों ने आक्रोश व्यक्त किया था तथा डूब प्रभावित क्षेत्रों में जलस्तर को नियंत्रित किए जाने की मांग की गयी।
सं बघेल
वार्ता
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