Friday, Apr 26 2024 | Time 09:30 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी पर बांध बनाने का विचार

मुरैना, 28 सितंबर (वार्ता )राजस्थान के काेटा बैराज से चंबल नदी में बार -बार पानी छोड़े जाने के कारण मध्यप्रदेश के श्योपुर, मुरैना एवं भिंड जिलों में आ रही बाढ़ पर नियंत्रण के लिए मुरैना जिले में चंबल नदी पर बांध बनाने का विचार किया जा रहा है।
इस संबंध में कलेक्टर प्रियंका दास ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की गत दिवस सबलगढ़ में बैठक ली। बैठक में कार्यपालन यंत्री वीके श्रीवास्तव, ओपी गुप्ता एवं वीके जैन व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर ने चम्बल नदी पर बांध या तालाव का निर्माण कराने के संबंध में प्रस्ताव बनाने के कार्यपालन यंत्री श्री श्रीवास्तव को निर्देश दिये हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार बैठक में श्री श्रीवास्तव ने बताया कि बांध मुरैना जिले के अटार एवं रहू का गांव के मध्य बनाया जा सकता है, जिससे नदी की बाढ़ को संतुलित किया जा सकेगा। इसके प्रस्ताव की स्वीकृति में जो व्यवधान आएंगे, उनका निराकरण कराना होगा। प्रथम चंबल नदी के दोनों किनारों पर लगभग 2 किलोमीटर तक घड़ियाल सेंचुरी की अनुमति आवश्यक होगी। द्वितीय इंटरस्टेट का मामला आएगा, उसकी स्वीकृति हेतु सामंजस्य बनवाना होगा। उन्होनें कहा कि बांध को बनाने से लगभग 3,000 एमसीएम से लेकर 4000 एमसीएम जल का भराव किया जा सकेगा। कोटा बैराज से प्रत्येक वर्ष लगभग 200000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है लेकिन इस वर्ष अप्रत्याशित 700000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया,जिससे बाढ़ के हालात बन गए।
सिंचाई विभाग मंडल ग्वालियर के अधीक्षक यंत्री पी झा ने कूनो कांपलेक्स परियोजना तैयार करने का प्रस्ताव भी बनाया है। उससे भी चंबल नदी की बाढ़ को काफी कम किया जा सकेगा, क्योंकि चंबल नदी की सहायक नदी कूनो एवं पार्वती नदी हैं, उसका काफी मात्रा का पानी रोकने से चंबल नदी के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
कूनो कंपलेक्स परियोजना तैयार होने से शिवपुरी, ग्वालियर श्योपुर, मुरैना एवं भिंड की लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर में पर्याप्त सिंचाई संभव हो सकेगी। इससे चंबल नहर प्रणाली को जलापूर्ति की जा सकेगी,साथ में उपरोक्त जिलों के अंतर्गत आने वाले बांधों को जल की पूर्ति की जा सकेगी, साथ ही 30 मेगावाट विद्युत उत्पादन भी होगा।
कलेक्टर मुरैना श्रीमती दास के पूछने पर विभागीय कार्यपालन यंत्रियों ने बताया कि बांध के बनने पर मुरैना जिले में लगभग 15000 से लेकर 20000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित होगी।
सं.व्यास
वार्ता
image