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पानी का कानूनी अधिकार प्रदान करने लाया जाएगा ‘राइट टू वाटर’ विधेयक: पांसे

भोपाल, 28 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के लाेक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने आज कहा कि पानी का कानूनी अधिकार प्रदान करने के लिए ‘राइट टू वाटर’ विधेयक लाया जाएगा। इसको लेकर एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गयी है, जिसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुमोदन के लिए लाया जाएगा।
श्री पांसे ने यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा के साथ पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की प्रतिपूर्ति को लेकर हम प्रदेशवासियों को इसका कानूनी अधिकार दिलाने के लिए ‘राइट टू वाटर’ विधेयक ला रहे हैं।
मंत्री श्री पांसे ने कहा कि राज्य की पेयजल योजनाआें की बेहतर प्लानिंग के लिए देश के अग्रणी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली से अनुबंध किया गया है। समूचे प्रदेश में पेेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ी राशि की आवश्यकता होगी, जिसके लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक, जायका, एशियन डेवलपमेंट बैंक एवं नाबार्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त करने पहल की गयी है।
श्री पांसे ने अपनी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि अब तक 6 हजार से अधिक नवीन हैण्डपंप स्थापित किए हैं। 600 से अधिक नवीन नलजल योजनाओं के कार्य पूर्ण कराकर इन योजनाओं से पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। 6 हजार 7 सौ से अधिक सिंगल फेस मोटर पंप भी स्थापित किये हैं। पूर्व सरकार की लगभग 3 हजार बंद नल-जल योजनाआें को भी पुनः चालू किया है।
श्री पांसे ने कहा कि विभाग में वर्षों से कार्यरत 500 से अधिक संविदा कर्मचारियों के अनुबंध में स्थानांतरण का कोई प्रावधान न होने के कारण इनका स्थानांतरण नहीं हो पाता था। इन कर्मचारियों की समस्या पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इनके स्थानांतरण के लिए एक नीति बनाकर उनके स्वयं के आवेदन पर रिक्त पदों अथवा आपसी सहमति से उनकी पदस्थापना में परिवर्तन किया गया है।
बघेल
वार्ता
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