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व्यापमं की प्री-पीजी 2012 घोटाले में सीबीआई ने पेश किया चालान

भोपाल, 16 जनवरी (वार्ता) व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की प्री-पीजी 2012 में हुए घोटाले मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 32 आरोपियों के खिलाफ आज राजधानी भोपाल की विशेष अदालत में चालान पेश कर दिया।
इस चालान में एसटीएफ ने तत्कालीन आईएएस केसी जैन को आरोपी बना दिया है। जैन का बेटा डॉ अनुराग प्री-पीजी -2012 में फर्जी तरीके से पास हुआ था। जैन वर्तमान में रिटायर हो चुके हैं। इसी तरह सीबीआई ने जैन के अलावा पांच और लोगों को भी इस मामले में आरोपी बनाया है। इनमें प्रीपीजी की परीक्षा फर्जी तरीके से पास करने वाले डॉ प्रखर सिंहल, डॉ निष्ठा अग्रवाल, उसके पिता नर्मदा प्रसाद अग्रवाल, राघवेन्द्र सिंह तोेमर और आशुतोष मेहता शामिल हैं। इनके नाम एसटीएफ की ओर से पहले पेश किए गए चालान में नहीं थे।
व्यापमं मामलों की सुनवाई के लिए गठित न्यायाधीश बीपी साहू की विशेष अदालत में सीबीआई ने करीब चार हजार पन्नों का चालान पेश किया। एसटीएफ ने अपनी जांच में 28 लोगों को आरोपी बनाया था, जबकि सीबीआई के चालान में आरोपियों की संख्या 34 हो गई है। एसटीएफ ने छह लोगों को अपनी जांच में साक्ष्य नहीं मिलने का हवाला देकर क्लीन चिट दे दी थी। इनमें से दो लोगों को तो धारा 164 के तहत बयान लेकर सरकारी गवाह बना दिया था। सीबीआई ने इन्हें भी आरोपित बना दिया है।
इसी तरह इस मामले में सीबीआई ने 79 लोगों को गवाह बनाया है। इसकी सूची पेश किए गए चालान के साथ लगाई है। जिन आरोपितों के नाम पेश किए गए हैं, उनमें व्यापमं के तत्कालीन अधिकारी, फर्जी तरीके से प्री-पीजी पास करने वाले उम्मीदवार, उनके परिजन, दलाल शामिल हैं। इन सभी आरोपियो को न्यायालय से पूर्व में ही जमानत मिल चुकी है।
सं बघेल
वार्ता
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