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कमलनाथ का गणतंत्र दिवस पर संदेश

भोपाल, 26 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की जनता को दिए अपने गणतंत्र दिवस के संदेश में कहा है कि उद्योगों को समयबद्ध अनुमतियां देने का कानून बनेगा, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने शिक्षाविदों की परिषद बनेगी, भविष्य योजना के माध्यम से भंडारण क्षमता बढ़ाई जायेगी, गण और तंत्र अपनी सोच बदल कर परिवर्तंनों को अपनायें।
उन्होंने इंदौर में गणंतत्र दिवस समारोह में भाग लिया और पारंपरिक परेड की सलामी ली।
श्री कमलनाथ ने अपने संदेश में कहा है कि प्रदेश में उद्योग चलाना और लगाना आसान बनाने के लिये जल्दी ही मध्यप्रदेश एक नया कानून बनायेगा। इसमें सभी तरह की अनुमतियाँ अधिकतम सात दिनों में मिलेंगी। इससे ऐसी आर्थिक गतिविधियाँ बढाने में मदद मिलेगी जिनमें रोजगार का सृजन होता है। नए उद्योगों में प्रदेश के युवाओं के लिए 70 प्रतिशत रोजगार को अनिवार्य किया गया है। रियल एस्टेट सेक्टर में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए इसमें जो 27 अनुमतियाँ लगती थीं, उसे घटाकर पाँच कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि गण और तंत्र के रिश्तों को परिणामकारी बनाने के लिए दोनों को अपने नजरिये एवं सोच बदलाव लाना होगा तथा होने वाले परिवर्तनों को अपना होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति प्लान बनाने की प्रथा को खत्म कर दिया है। इससे इन क्षेत्रों के विकास में लगने वाली राशि के आंकलन का काम कठिन हो गया है। केन्द्र सरकार से चर्चा कर इसे पुन: लागू कराने का प्रयास किया जाएगा। जीएसटी के कारण केन्द्र सरकार से राज्य को मिलने वाली राशि में पिछले एक वर्ष में कमी हुई है।
श्री कमलनाथ ने कहा है कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए ‘विजन-टू-डिलीवरी रोडमैप 2020-25’ बनाया गया है। उन्होंने कहा कि एक साल में लगभग 20 लाख किसानों के ऋण माफ किए जा चुके हैं। इसमें दो लाख रूपये तक के कालातीत फसल ऋण और 50 हजार रूपये तक के चालू फसल ऋण माफ किए गए हैं। ऋण माफी का दूसरा चरण अब शुरू हो गया है जिसमें एक लाख रूपये तक के चालू फसल ऋण और दो लाख रूपये तक के कालातीत फसल ऋण के बचे किसानों के ऋण माफी का काम किया जा रहा है।
विश्वकर्मा
जारी वार्ता
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