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राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रवासी मजदूरों की सेवा का अभूतपूर्व जज्बा

बड़वानी-खरगोन, 14 मई (वार्ता) महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों के लिए निकले प्रवासी मजदूरों की तकलीफों को मध्यप्रदेश के बड़वानी और खरगोन जिले से गुजर रहे आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों समाज सेवी लोगों ने अपनी सेवा से काफी हद तक कम करने का प्रयास किया है।
पहले लॉकडाउन के समाप्त होने के उपरांत महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई के विभिन्न हिस्सों में रोजगार समाप्त होने, राशन की समस्या तथा संक्रमण के फैलने के भय से प्रवासी मजदूर अपने राज्यों की ओर पैदल, साइकिल, दुपहिया वाहन या अन्य वाहनों से निकल पड़े थे। बड़वानी और खरगोन जिलों के करीब 100 किलोमीटर लंबे आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर भूखे प्यासे मजदूरों का जाना हुआ, लेकिन इस दौरान सैकड़ों की संख्या में समाजसेवियों और संगठनों ने इस अभूतपूर्व संकट में आगे आकर खुले हाथों से उनकी तकलीफ दूर करने में मदद की है।
मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा के बिजासन से 18 किलोमीटर दूर सेंधवा कस्बे के नागरिकों ने करीब 25 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह, ताजा भोजन, नाश्ते, चाय और पेयजल के स्टॉल लगाए हैं। बिजासन मंदिर समिति ने प्रतिदिन 10 हजार प्रवासी मजदूरों को भोजन कराने के अलावा ठहराने का इंतजाम भी किया। इसके अलावा अन्य सामाजिक संगठनों के लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रवासी मजदूरों की भरपूर मदद की।
सेंधवा ग्रामीण थाने के नगर निरीक्षक विश्वदीप सिंह परिहार, जिनके नियंत्रण में करीब 25 किलोमीटर का आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग आता है, ने बताया कि संक्रमित होने के भय के बावजूद प्रवासी मजदूरों की बाढ़ के दौरान उनकी सेवा करना क्षेत्र के निवासियों की संवेदनशीलता का परिचायक है। वहीं, कलेक्टर अमित तोमर तथा पुलिस अधीक्षक डी आर टेनिवार ने विगत डेढ़ महीनों के दौरान समाजसेवियों द्वारा की जा रही मदद को उनके स्टॉल पर जाकर देखा और खुले मन से सराहा।
सं बघेल
वार्ता
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