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राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


श्री चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल भाव है - सभी सुखी हों। यही भाव सहकारिता का भी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। इसके अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण सहकारिता से जुड़े भाई-बहन पूर्ण करेंगे। हमें मध्यप्रदेश की तस्वीर भी बदलनी है और यहां की जनता की तकदीर भी बदलनी है। प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को विराट स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सहकारी आंदोलन को मरने नहीं देगी। सरकार के खजाने से आज जो राशि सहकारी संस्थाओं को दी जा रही है, वो कृषकों को अल्पावधि ऋण प्रदान करने में उपयोगी होगी। किसानों के साथ ही पशु पालक और मत्स्य पालक भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त करने के पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था को काफी ध्वस्त भी किया है, लेकिन हम किसान को दिक्कत में नहीं आने देंगे। किसानों के कल्याण के लिए एक साथ बहुत सी योजनाएं लागू की गई हैं। किसान पठानी ब्याज भरने को मजबूर नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेक्स को कृषि अधोसंरचना के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर रीवा, सागर, इंदौर, जबलपुर के दुग्ध संयंत्र और दुग्ध पाउडर निर्माण संयंत्र के लिए पूर्ण सहयोग देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों से संवाद भी किया।
इस मौके पर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वर्चुअल आधार पर आयोजित इस कार्यक्रम से 15 लाख 8 हजार लोग जुड़े हैं। यह कार्यक्रम 43 हजार स्थानों पर लाइव प्रसारित हो रहा है। कुल 63 हजार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित कर 335 करोड़ रुपये की साख सीमा स्वीकृत की गई। इसके साथ ही 35 हजार 532 किसानों को 122 करोड़ का ऋण का भी सहकारी समितियों द्वारा दिया गया। किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से किसानों, पशु पालकों, मत्स्य पालकों के जीवन में बदलाव आ रहा है।
कार्यक्रम में श्री चौहान को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए राज्य सहकारी बैंक की ओर से एक करोड़ रूपए और सहकारिता विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से 13 लाख 53 हजार 651 रूपए की राशि का चेक भेंट किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित भोपाल जिले के पाँच हितग्राहियों को भी मुख्यमंत्री ने हितलाभ प्रदान किए। मध्यप्रदेश गान से आरंभ हुए इस कार्यक्रम में 'साहूकारी नहीं सहकारी से नाता जोड़ो' विषय पर फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। कार्यक्रम में विधायक कृष्णा गौर, कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव ने किया। वेबकास्ट, फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से बड़े पैमाने पर लोग इस कार्यक्रम से जुड़े। दूरदर्शन सहित सभी प्रमुख प्रादेशिक चैनल पर कार्यक्रम प्रसारित किया गया।
बघेल
वार्ता
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